बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव सोमवार को, निधिवन राज मंदिर में पहुंचा भक्तों का सैलाब
मथुरा, 27 नवम्बर। जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारीजी का जन्मोत्सव मनाने को देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालुओं ने वृंदावन में डेरा डाला है। निधिवन राज मंदिर को ठाकुरजी के स्वागत के लिए दुल्हन की तरह सजाया गया है। निधिवन राज मंदिर में रविवार को भक्तों की तो भारी भीड़ उल्लास में नजर आई। ठाकुर बांकेबिहारी का सोमवार को विहार पंचमी पर प्राकट्योत्सव उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। सोमवार सुबह निधिवन राज मंदिर में ठाकुरजी की प्राकट्यस्थली का महाभिषेक होगा, तो इसके बाद दिव्य शोभायात्रा के रूप में स्वामी हरिदास का छायाचित्र चांदी के रथ में बधाई देने ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए निकलेगा।
संगीत सम्राट स्वामी हरिदास की साधना स्थली और ठाकुर बांकेबिहारी की प्राकट्यस्थली निधिवन राज मंदिर रविवार को उल्लासमय नजर आया। प्राचीन वृक्षावलियों से आच्छादित इस निधिवन की कुंजों को रंगबिरंगे तरीके से सजाया जा रहा है। आधुनिक प्रकाश की व्यवस्था की गई है, ताकि भोर के अंधेरे में अद्भुत प्रकाश ठाकुरजी का स्वागत कर सके। मंदिर में रविवार को देशभर के अनेक प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने स्वामी हरिदास की समाधि स्थल से लेकर ठाकुरजी की रास स्थली, ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्यस्थली, ललिता सखी के मंदिर के दर्शन किए और मंदिर में भजनों पर जमकर नृत्य किया। हर श्रद्धालु ठाकुरजी के प्राकट्योत्सव की खुशी में मदमस्त नजर आया। मंदिर की प्रवेश गली से लेकर अंदर प्रवेशद्वारों पर विशेष प्रकार की सजावट की जा रही है। सोमवार सुबह की तैयारियों को अंजाम देने के लिए मंदिर के कर्मचारी और सेवायत व्यवस्थाएं बनाने में पूरे दिन लगे रहे।
विदित रहे कि सोमवार को निधिवन राज मंदिर से निकलने वाली बधाईयात्रा में देश के विभिन्न शहरों के पांच बैंड शामिल होंगे। स्वामी हरिदास, ठा. बांकेबिहारी समेत दर्जनभर झांकिया भी शामिल होंगी। महिलाओं का डांडिया और लोक नृत्य शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण होगा। शोभायात्रा के आगे श्रद्धालु सोहनी सेवा करते हुए चलेंगे।
पांच कुंतल दूध-दही से होगा प्राकट्यस्थली का महाभिषेक, उतारी जाएगी आरती
ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्यस्थली निधिवन राज मंदिर में होने वाले बांकेबिहारी के प्राकट्योत्सव की जानकारी देते हुए मंदिर सेवायत भिक्की गोस्वामी ने बताया, आराध्य का प्राकट्योत्सव हर वर्ष की तरह इस बार भी पूरे उल्लास के साथ मनाया जाएगा। सुबह पांच बजे ठा. बांकेबिहारीजी की प्राकट्यस्थली का वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पांच कुंतल दूध, दही, शर्करा, बूरा, घी व जड़ी-बूटियों से महाभिषेक होगा। इसके बाद प्राकट्यस्थली की आरती उतारी जाएगी। आरती के बाद महिला श्रद्धालु ठाकुरजी के प्राकट्य पर बधाई गायन करेंगी। सुबह आठ बजे से बधाईयात्रा शुरू होगी। जिसमें ठा. बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता संगीत सम्राट स्वामी हरिदास चांदी के रथ में विराजमान होकर बधाई लेकर ठा. बांकेबिहारी मंदिर के लिए रवाना होंगे। शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दोपहर को राजभोग के बाद मंदिर पहुंचेगी और स्वामी हरिदास अपने लड़ैते बांकेबिहारी को बधाई अर्पित करेंगे।