दिल्ली

आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं डीयू के 12 कॉलेज : बिधूड़ी

नई दिल्ली, 09 सितंबर। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इस कॉलेजों को दिल्ली सरकार फंड करती है।

बिधूड़ी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा फंडेड दिल्ली विश्वविद्यालय के इन 12 कॉलेजों का वित्तीय संकट चिंता का विषय है। लेकिन सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है। बिधूड़ी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से दखल देने का अनुरोध किया है। क्योंकि कॉलेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को कई महीनों से सैलरी नहीं मिल पाई है। कॉलेज अब शिक्षकों के वेतन में कटौती कर रहे हैं और खर्चे कम करने के लिए पढ़ाई के दिन भी कम किए हैं।

बिधूड़ी ने कहा कि जब से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार आई है, इन कॉलेजों को फंड जारी करने में लगातार अनियमितता बरती जा रही है। कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। जिसकी शिकायत प्रिंसिपल एसोसिएशन द्वारा भी की गई है। दिल्ली सरकार इन कॉलेजों को इतना कम फंड जारी कर रही है कि उससे पूरा वेतन देना भी संभव नहीं है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए एरियर, प्रमोशन का एरियर और मेडिकल बिलों का भुगतान भी पूरी तरह रुका हुआ है। सैलरी न मिल पाने के कारण शिक्षक अब प्रॉविडेंड फंड से अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के कुल 28 कॉलेज हैं। जिनमें से 12 कॉलेजों का 100 प्रतिशत फंड दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया जाता है। इसके अलावा 16 कॉलेजों का 05 प्रतिशत फंड दिल्ली सरकार देती है। हालत यह है कि दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों का 100 प्रतिशत तो क्या 16 कॉलेजों का अपने हिस्से का 05 प्रतिशत फंड भी जारी नहीं कर पाई है।

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