डीएपी खाद की डिमांड कंट्रोल करने के लिए कृषि विभाग का एनपीके पर फोकस
सोनीपत
रबी सीजन में नवम्बर माह डीएपी की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अब कृषि विभाग ने एनपीके खाद पर फोकस करने का फैसला किया है। कृषि विभाग ने किसानों का आह्वान किया है कि वे डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके या एसएसपी खाद का इस्तेमाल कर सकते है। दोनों ही किस्मों के खाद में फास्फोरस की मात्रा मौजूद है।
बता दें कि मौजूदा समय में गेहूं की बिजाई का काम किसानों द्वारा किया जा रहा है। गेहूं की बिजाई के लिए किसानों को डीएपी खाद की जरूरत पड़ती है। डीएपी खाद में फास्फोरस पोषक तत्व मौजूद होते है। लेकिन इस बार डीएपी खाद की डिमांड अधिक होने की वजह से किसानों को डीएपी मिलने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को फास्फोरस व पोटेशियम के पोषक तत्वों से भरभूर एनपीके खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। जिले में एनपीके का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त किसानों को डीएपी के स्थान पर एसएसपी खाद का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
वर्जन
नवंबर माह में डीएपी खाद की डिमांड बढ़ जाती है। हालांकि खाद की कोई कमी नहीं है। किसान डीएपी की जगह एनपीके व एसएसपी खाद् का गेंहू की बिजाई में इस्तेमाल कर सकते है। किसानों को खाद् समय पर मुहैया करवाने के लिए डिमांड समय-समय पर उच्च अधिकारियों के पास भेजी जाती है।
अनिल सहरावत, जिला कृषि अधिकारी।