सिमरिया गंगा धाम का होगा सर्वांगीण विकास, सरकार शुरू कर चुकी है काम : नीतीश कुमार
बेगूसराय, 09 नवम्बर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार के इकलौते कल्पवास स्थल बेगूसराय के सिमरिया गंगा धाम का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। यहां आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी, इसके लिए सरकार काम शुरू कर चुकी है।
बुधवार को जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा एवं वित्त मंत्री विजय चौधरी के साथ सिमरिया गंगा घाट के निरीक्षण में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यहां दूर-दूर से लोग पूजा-पाठ और अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। इसके लिए सभी व्यवस्था की जाएगी, पूरा डिजाइन बन गया है और कार्यारंभ भी हो गया है।
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भव्य प्रवेश द्वार, स्नान घाट, सीढ़ी, बैठने की व्यवस्था, पार्किंग, मेला क्षेत्र विस्तार, हाई मास्ट लाइट के साथ शेड, सार्वजनिक शौचालय, रिवर फ्रंट का सेंट्रल प्लाजा, दुकानें, मेला रोड-कम-पाथवे, हरित क्षेत्र, धर्मशाला, नीचे चेंजिंग रूम के साथ छत सहित केंद्र में वॉच टावर सहित, छायांकित क्षेत्र (कियोस्क), अर्ध-मंडप, लोअर टेरेस प्लाजा और पार्क और श्मशान सहित 28 बिंदुओं पर काम किया जाएगा।
स्नान घाट नीचे तक बनाया जाएगा, इसके साथ बैठने के लिए सीढ़ी भी बनेगी। गंगा नदी से प्रत्येक वर्ष आने वाले बाढ़ को ध्यान में रखकर सारा काम किया जा रहा है। 2023 में यहां अर्धकुंभ लगने वाला है, प्रयास कर रहे हैं की तब तक अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध करा दिया जाए। जब सभी सुविधा उपलब्ध हो जाएगी तो यहां आने वाले लोगों की संख्या और वृद्धि होगी।
हेलीकॉप्टर से एनटीपीसी परिसर स्थिति हेलीपैड पर पहुंचे मुख्यमंत्री का डीएम रोशन कुशवाहा ने स्वागत किया। इसके बाद वे सड़क मार्ग कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सिमरिया धाम पहुंचे। जहां सबसे पहले महामंडलेश्वर राम उदित दास उर्फ मौनी बाबा के अखिल भारतीय चतुर्भुजी खालसा पहुंचे। जहां वेद मंत्र के साथ शंखध्वनि से स्वागत किया गया तथा पूजा अर्चना के बाद मुख्यमंत्री ने चरणामृत ग्रहण किया। इस अवसर पर संत समाज की ओर से उन्हें मिथिला की परंपरा के अनुसार अंगवस्त्र, पाग और मखाना की माला के साथ-साथ प्रभु राम का चित्र भी भेंट किया गया।
खालसा में साधु संत से बात करने और उनकी मांग सुनने के बाद मुख्यमंत्री गंगा घाट पहुंचे, जहां कि विकास के लिए तैयार किए गए ब्लूप्रिंट का गहनता से अवलोकन किया और कमी के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश दिया, ताकि मिथिला और मगध का संगम यह पावन गंगा घाट आध्यात्मिक और मोक्ष के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से बेहतर बन सके।