राष्ट्रीय

संघर्ष के बीच यूक्रेन के प्रधानमंत्री से विदेश मंत्री जयशंकर ने किया विचार-विमर्श

नई दिल्ली/न्यूयार्क, 21 सितंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष का दायरा बढ़ने की आशंका के बीच बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (न्यूयार्क) में यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल से मुलाकात की। इसमें यूक्रेन के नेता ने उन्हें संघर्ष के बारे में अपने पक्ष और आकलन की जानकारी दी।

जयशंकर ने इस मुलाकात के संबंध में अपने ट्वीट में बताया कि हमने यूक्रेन संघर्ष के कारण खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर बढ़ने वाले असर पर भी चर्चा की। साथ ही संघर्ष वाले इलाकों में स्थित परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी विचार किया। जयशंकर ने यूक्रेन संघर्ष के बारे में भारत के सिद्धांतों पर आधारित पक्ष से यूक्रेन के विदेश मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि हर तरह के संघर्ष पर रोक लगे तथा वार्ता और कूटनीति की ओर लौटा जाए। जयशंकर ने यूक्रेन को मानवीय सहायता जारी रखने का भरोसा भी दिलाया।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में रूस के विशेष सैनिक अभियान को आंशिक युद्ध में बदलने की घोषणा की। इसके तहत रूस में आंशिक लामबंदी (सैनिकों की भर्ती) की जाएगी तथा अतिरिक्त प्रशिक्षण के बाद उन्हें युद्ध के मोर्चे पर भेजा जाएगा। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार आंशिक लामबंदी के जरिए तीन लाख रिजर्व सैनिकों को युद्ध के मोर्चे पर भेजा जाएगा।

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर इन दिनों संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्तरवें अधिवेशन में भाग लेने के लिए न्यूयार्क में हैं। न्यूयार्क में उनकी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है। विदेश मंत्री ने न्यूयार्क में अपनी गहन राजनयिक सक्रियता के तहत एक दर्जन से अधिक देशों के शीर्ष नेताओं और विदेश मंत्रियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति एमैन्युल मैंक्रों की ओर से आयोजित विविध क्षेत्रीय संघठनों के प्रतिनिधियों की उच्च स्तरीय बैठक में भी भाग लिया।

एक ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा विचार-विमर्श यूक्रेन संघर्ष और विकासशील एवं गरीब देशों पर पढ़ने वाले दुष्प्रभावों पर केन्द्रित था। बैठक में वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों के संगठन जी20 की भूमिका पर भी चर्चा हुई।

विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जी-20 की भूमिका, विश्व व्यव्यवस्था और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संबंध में फ्रांस, तुर्की, घाना, कोमोरोस, निकारागुआ, आस्ट्रिया, लीबिया, स्पेन, मिस्त्र, सेनेगल, अर्जेन्टाइना, कोट डिलवोइर (आइवरी कोस्ट) और यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker