विजया शिक्षण संस्थान में बड़े धूमधाम से मनाया गया वार्षिकोत्सव
सिद्धार्थ राव, बहादुरगढ़। दो वर्षों की वैश्विक महामारी के उपरांत 2022 में एक नई आशा, उत्साह व उमंग के साथ विजया शिक्षण संस्थान ने अपना वार्षिकोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया, जिसका प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इसके पश्चात विद्या की देवी सरस्वती की वंदना की गई। विद्यालय की मुख्याध्यापिका रूपाक्षी नारंग ने मंच का संचालन करते हुए प्रतिभागियों के लिए प्रोत्साहन भरे शब्दों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम को गति प्रदान की। भारत के विभिन्न राज्यों की महता को विभिन्न नृत्यों (हरियाणवी असमिया, पंजाबी, गुजराती आदि) द्वारा दर्शाया गया । कोरोना महामारी के दौरान किस प्रकार लोग मानसिक रोगों के शिकार हुए और कैसे बातचीत के द्वारा उस मानसिक तनाव से मुक्ति पाई जा सकती है, यह एक लघु नाटिका द्वारा आकर्षक ढंग से दर्शाया गया। कार्यक्रम के मध्य में विद्यालय की शैक्षणिक सलाहकार शशि किंद्रा द्वारा वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर विद्यालय की प्रगति के बारे में अभिभावकों को बताया। वर्ष 2021 22 के दसवीं व बारहवीं के परीक्षा परिणाम जो कि हर वर्ष की तरह काफी अच्छे रहे, उन्हें विस्तार से बताया गया। वर्ष 2021 22 के लिए ‘कल्पना चावला पुरस्कार जिसमें वाणिज्य संकाय से दिव्यांशी (97.8%) कला संकाय से यशिका अरोरा (97.2%) और विज्ञान संकाय से प्रेक्षा (96.2%) के नामों की घोषणा की गई। यह पुरस्कार 2003 में कल्पना चावला की याद में प्रारंभ किया गया था जिसमें “स्मृति चिह्न’ के साथ साथ 15000/- की नकद राशि दी जाती है। यदि विद्यार्थी 98% या इससे अधिक लाता है तो यह राशि 51000/- दी जाती है । प्राथमिक विद्यालय की मुखिया श्रीमती सीमा किंद्रा के संचालन में वहाँ के नन्हें-मुन्नों द्वारा मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की नूना माजरा स्थित शाखा के मुखिया साइबल विश्वास के संचालन में अंग्रेज़ी नाटिका, ‘अनेकता में एकता’ को दर्शाता नृत्य आदि कई रोचक कार्यक्रमों द्वारा कार्यक्रम को रंगारंग बनाया। बाल कलाकारों कनिष्ठ कलाकारों व वरिष्ठ कलाकारों द्वारा योग के विभिन्न आसनों और योग कला के द्वारा विद्यालय के नाम की आकृति बनाकर दर्शकों को हक्का बक्का कर दिया । इन सभी – रंगारंग कार्यक्रमों में लगभग 760 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रमों के समापन पर निदेशक आर. एन. किंद्रा ने अभिभावकों को भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। अंत में राष्ट्रीयगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।