राष्ट्रीय

 राजधानी के सभी निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों की साइटों पर लगाईं जाएं एंटी स्मॉग गन- सीएक्यूएम

नई दिल्ली, 07 नवंबर। दिल्ली में निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों की साइटों से उत्पन्न धूल को कम करने के लिए अब एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। सोमवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम)ने स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को सख्त कदम उठाने को कहा है।

आयोग के हालिया वैधानिक निर्देश के अनुसार, सभी सी एंड डी साइटों को निर्माण क्षेत्र के आधार पर निम्नलिखित मानकों के अनुसार पर्याप्त संख्या में एंटी-स्मॉग गन तैनात करनी चाहिए। आयोग ने कहा कि 5000 – 10,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 1, 10,001 – 15,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 2, 15,001 – 20,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 3 और 20,000 वर्गमीटर से अधिक के कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 4 स्मॉग गन होने चाहिए।

सीएंडडी गतिविधियों से निकलने वाली धूल वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है और एनसीआर में पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। आयोग ने सीएंडडी साइटों पर उत्पन्न धूल की बड़ी मात्रा को कम करने के लिए पानी का छिड़काव, एंटी-स्मॉग गन, स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। धूल को कम करने के लिए सी एंड डी गतिविधियों के प्रबंधन की दिशा में जुलाई में आयोग ने व्यापक नीति तैयार की थी जिसके तहत एंटी-स्मॉग गन की तैनाती का भी निर्धारण किया गया था।

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