बिहार

 बिहार के सर्वांगीण विकास को विरुद्ध नहीं होने देंगे भाजपा कार्यकर्ता : कुंदन कुमार

बेगूसराय, 06 अक्टूबर। बिहार प्रदेश भाजपा मीडिया सेल के संयोजक विधायक कुंदन कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार केवल सत्ता की लोलुपता में बिहार के जनमानस की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।

समाहरणालय के उत्तरी द्वार पर पार्टी द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पुतला दहन कार्यक्रम में कुंदन कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के विकास को पुनः बाधित कर बिहार को गर्त में धकेलने की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता सर्वांगीण विकास को विरुद्ध होने नहीं देंगे, बिहार में पुनः जंगलराज की स्थापना की कोशिश में लगे नीतीश कुमार को कभी सफल नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में निकाय चुनाव की घोषणा के बाद प्रत्याशियों ने अपनी तैयारी की थी, चुनाव कराने में चुनाव आयोग के साथ-साथ अन्य प्रकार की विधि-व्यवस्था बनाई जा रही थी। उन सबों पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाया जाना, यह दर्शाता है कि बिहार को किस प्रकार से नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा ने बर्बादी की ओर ले जाने की शुरुआत की है।

भाजपा जिलाध्यक्ष राजकिशोर सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बिहार में आयोग का गठन किए बिना नगर निकाय चुनाव की तैयारी एवं घोषणा, निश्चित तौर पर नितीश कुमार की मानसिकता को दर्शाता है। बिना वैशाखी के अपने राजनीतिक यात्रा को विराम लगता देख बिहार के आम जनमानस की भावनाओं के साथ खिलवाड़ एवं लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। भाजपा ”सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास” के मूल मंत्र पर कार्यरत है। पार्टी समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देकर पार्टी अपने राजनीतिक यात्रा के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता एवं संप्रभुता को भी मजबूती दे रही है।

भाजपा नेता-सह-वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र कुमार अमर ने कहा कि नीतीश सरकार पिछड़ों के आरक्षण का नाटक तो करती है, लेकिन उसके लिए संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पिछड़ी जातियों को चिन्हित करने के लिए आयोग का गठन नहीं कर सकी। इसी कारण निकाय चुनाव रद्द करना पड़ा। नीतीश सरकार पिछड़ी जातियों को संवैधानिक सुविधाओं से वंचित रखना चाहती है।

जबकि संविधान की घारा- 15(4) तथा 16(4-क) में राज्यों को पिछड़ी जातियों की पहचान करने तथा सुविधा देने का अधिकार दिया है। जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने कृष्णामूर्ति एवं अन्य मामले में स्पष्ट निर्देश दिया है। भारत सरकार ने भी 2018 में पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर संविधान के अनुच्छेद-342 में संशोधित कर राज्य को यह अधिकार दिया।

कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष देवानंद कुशवाहा ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या के प्रयास में विफल हुए नितीश कुमार को ना तो शर्म है और ना ही उनके सिपहसालारों को थोड़ी भी लज्जा।

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