चार धाम यात्राः सब कुछ रहा ठीक, तो टूटेगा रिकार्ड
-दो साल कोरोना लील गया यात्रा का आनंद, इस बार बड़ी उम्मीदें
देहरादून। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। तीन मई अब ज्यादा दूर नहीं रह गई, जब अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यात्रा का श्रीगणेश हो जाएगा। सबसे पहले परंपरा के अनुसार, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट तीन मई को खुल रहे हैं। फिर छह को केदारनाथ धाम और आठ को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने जा रहे हैं। सब कुछ ठीक रहा, तो इस बार यात्रा में रिकार्ड टूटना तय माना जा रहा है।
पिछलेे दो साल में चार धाम की यात्रा कोरोना की भेंट चढ़ी रही है। ऐन यात्रा सीजन पर ही कोरोना का प्रभाव इस कदर बढ़ा रहा, कि यात्रा चौपट हो गई थी। हाल ये रहा कि वर्ष 2020 में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि को पहली बार अपरिहार्य स्थितियों में बदलना पड़ा। ऐसा नहीं कि पिछले दो साल में यात्रा संचालित नहीं हईं, लेकिन कोविड 19 के प्रोटोकॉल की बंदिशों के बीच उसकी वह गति नहीं रही, जो कि रहा करती थी। कोरोना की मार से पहले जहां यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 30 लाख का आंकड़ा छूने लगी थी, वहीं बंदिशों के चलते यह चार से पांच लाख तक सिमट कर रह गई थी।
इस बार अभी तक कोरोना का कहर दिखाई नहीं दे रहा है, हालांकि मामले बढ़ने की खबरें फिर से आने लगी हैं। इन स्थितियों के बीच, यात्रा कारोबारियों के चेहरे खिले हुए हैं। इस बार पहले ही चार धाम यात्रा मार्ग के सभी होटल, धर्मशालाएं, लॉज पहले ही फुल हो गई हैं। केदारनाथ केे लिए हेली सेवाओं की एडवांस बुंिकंग भी बता रही है कि यात्रा को लेकर यात्रियों का उत्साह किस तरह आसमान पर है। एक महीने पहले बनी धामी सरकार के सामने भी यह चुनौती है कि वह इस बार यात्रा का प्रबंधन कितनी कुशलता से कर पाती है। यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले दो जिलों के डीएम बदलकर सरकार ने संदेश दिया है कि वह बेहतर प्रबंधन करने की इच्छुक हैं। पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि यात्रा इस बार पिछले सारे रिकार्ड तोडे़गी।