उत्तर प्रदेश

आयु बढ़ाने के लिए मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाए किसान: डॉ. देवेश चतुर्वेदी

मेरठ, 12 सितम्बर। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि विविधीकरण में दहलनी, तिलहनी और मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने उपभोक्ता केन्द्रित विभिन्न देषी प्रजातियों के संरक्षण एवं मूल्य वर्धन हेतु प्रेरित किया और कृषक उत्पादक संगठनों को मजबूत बनाने पर जोर दिया। परिणाम से प्रमाण की अवधारणा पर प्राकृतिक खेती के मॉडल तथा नवोन्मेषी कृषकों के मॉडल को अधिक से अधिक किसानों में प्रसारित करने पर बल दिया।

उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्रों (जोन-3) की 29वीं वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का सोमवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में समापन हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने की।

उन्होंने अध्यक्षीय भाषण में नवोन्मेषी कृषकों को भारत का भविष्य बताते हुए इनके कार्यों को अन्य कृषकों तक प्रसारित करने पर बल दिया। इसके साथ ही बीज एवं पौध सामग्री के वितरण के उपरान्त आच्छादित क्षेत्रफल पर सफलता की कहानी तैयार करने, विवि एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र में नवोन्मेषी कृषकों/महिलओं के उत्पादों को प्रदर्षित कर उनके विपणन पर बल दिया।

मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने स्थानीय स्तर पर शुद्ध मसालों, गौ-आधारित हस्तशिल्प उत्पादों तथा अन्य महिला समूहों के उत्पादों की सशक्त विपणन पद्धति अपनाने पर जोर दिया, जिससे महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया जा सकें। कार्यशाला में विभिन्न नवोन्मेषी कृषकों, उत्कृष्ट प्रस्तुति करने वाले कृषि विज्ञान केन्द्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों की विभिन्न समस्याओं जैसे पेंशन, प्रमोशन आदि का जल्दी निस्तारण करने का आष्वासन दिया।

कार्यशाला में कृषि विज्ञान केन्द्र बस्ती, बदायूं एवं महोबा को प्रथम, कृषि विज्ञान केन्द्र लखनऊ, बरेली, कन्नौज को द्वितीय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र मेरठ, मऊ, फतेहपुर, हमीरपुर को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यशाला की इनोवेटिव फार्मर्स मीट में 38 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। महिला किसान पूजा गंगवार, शाहजहांपुर, सपना शर्मा हापुड़, डॉ. विपिन परमार सहारनपुर, शरद कुमार बिजनौर, ऋतुराज बिजनौर, अमित वर्मा रामपुर, संजीव गौतमबुद्ध नगर आदि ने अपने नवोचार के बारे में बताया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ. यूएस गौतम ने आगामी कार्य योजना में जलवायु परिवर्तन, नवाचार, कृषि विविधीकरण, एकीकृत खेती पद्धति, किसान उत्पादक संगठन, मूल्य वर्धन आदि तकनीकी बिन्दुओं को समाहित करने पर बल दिया। पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने प्राकृतिक खेती की नीति तथा भाकृअनुप, कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग के समन्वय से एक जनपद स्तरीय समन्वित कृषि नीति बनाने पर बल दिया। इस अवसर पर निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह, जिलाधिकारी दीपक मीणा, लक्ष्मी मिश्रा, प्रो. मयंक राय आदि उपस्थित रहें।

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