दत्तात्रेय होसबाले ने किया राष्ट्रधर्म के विशेषांक का लोकार्पण
लखनऊ, 30 नवम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने बुधवार को डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान के सभागार में राष्ट्रधर्म (मासिक) पत्रिका के विशेषांक ‘राष्ट्रीय विचार-साधना’ अंक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सरकार्यवाह ने राष्ट्र धर्म की वेबसाईट का भी शुभारम्भ किया। न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) दिनेश कुमार त्रिवेदी, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, अवधप्रांत के प्रांत प्रचारक कौशल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
‘हीरक जयंती वर्ष’ मना रहा राष्ट्रधर्म
पवनपुत्र बादल ने बताया कि राष्ट्रधर्म सांस्कृतिक व वैचारिक पत्रिका है। राष्ट्रीय विचार- साधना अंक राष्ट्रधर्म में अब तक प्रकाशित हो चुके महत्वपूर्ण लेखों का संग्रह है। राष्ट्रधर्म प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है। इस वर्ष अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के अनुक्रम में राष्ट्रधर्म ‘हीरक जयंती वर्ष’ मना रहा है। राष्ट्रधर्म का प्रथम अंक स्वाधीनता के 15 दिन बाद 31 अगस्त 1947 को प्रकाशित हुआ था। इसके प्रथम अंक के प्रथम पृष्ठ पर ही अटल जी की प्रसिद्ध कविता ‘हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय’ प्रकाशित हुई थी। इसी अंक में पंडित दीनदयाल उपाध्याय का ‘चिति’ नामक चिन्तनपरक लेख भी छपा था।
भाऊराव देवरस के प्रयास से शुरू हुआ राष्ट्रधर्म
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक भाऊराव देवरस व पंडित दीनदयाल उपाध्याय के प्रयास से राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका की शुरुआत हुई। 1948 में राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड की स्थापना के बाद राष्ट्रधर्म (मासिक) को इसके अंग के रूप में स्वीकार कर लिया गया। राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के प्रथम अध्यक्ष बैरिस्टर नरेन्द्रजीत सिंह और प्रभारी संचालक पंडित दीनदयाल उपाध्याय थे। राष्ट्रधर्म के प्रथम संपादक पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई रहे।
विशेषांक के विमोचन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेन्द्र सिंह, राष्ट्रधर्म के निदेशक मनोजकांत, राष्ट्रधर्म के प्रभारी सर्वेश चन्द्र द्विवेदी, राष्ट्रधर्म के संपादक रहे वीरेश्वर दिवेदी, आनंद मिश्र अभय उपस्थित रहे।