क्राइमदिल्ली

डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली के जीटीबी नगर से एक 13 वर्षीय किशोरी को किया रेस्क्यू

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को दिल्ली के जीटीबी नगर के एक घर से एक 13 वर्षीय अनाथ लड़की को रेस्क्यू किया जिससे जबरन घरेलू नौकर के तौर पर काम करवाया जा रहा था, साथ ही उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता था। डीसीडब्ल्यू को 181 हेल्पलाइन नंबर पर एक अज्ञात स्रोत के माध्यम से मामले की पूरी जानकारी मिली।

सूचना देने वाले ने आयोग को 13 साल की बच्ची की जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची को घरेलू नौकर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था और साथ ही आरोपी परिवार द्वारा बच्ची के साथ नियमित रूप से दुर्व्यवहार और मारपीट की जा रही थी।

मामले की जानकारी मिलने के तुरंत बाद ही डीसीडब्ल्यू की एक टीम तुरंत दिल्ली पुलिस के साथ लड़की को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंची। वहां पहुंचने के बाद डीसीडब्ल्यू को बच्ची को छुड़ाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि आरोपी मामले को छिपाने की जबरदस्त कोशिश में जुट गए और डीसीडब्ल्यू की टीम का विरोध करने लगे।

अंततः डीसीडब्ल्यू एवं दिल्ली पुलिस के प्रयासों से लड़की को बचा लिया गया और उसको सुरक्षित एक शेल्टर होम में ले जाया गया। बच्ची ने आयोग को उसके साथ उसके मालिक द्वारा किए गए सभी अत्याचारों एवं अमानवीय व्यवहार के बारे में बताया।

लड़की ने डीसीडब्ल्यू को बताया कि वह अनाथ है और उसकी दो बहनें हैं और वह उत्तराखंड की रहने वाली है। पिछले चार साल से वह दिल्ली के इस घर में घरेलू सहायिका के रूप में मजबूरन काम कर रही थी जिसके लिए उसको किसी तरह का कोई वेतन नही मिला।

उसने आगे ये भी बताया कि जब उसको दिल्ली लाया गया तब वह केवल नौ वर्ष की थी और तब से आज तक आरोपित परिवार ने बच्ची को उसके परिवार से उसे मिलने की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि जब दो साल पहले उसकी मां की मृत्यु हुई तब भी आरोपित परिवार वालों ने उसको उसकी मां के अंतिम संस्कार तक में नहीं जाने दिया।

मासूम बच्ची ने बेहद दर्द से बताया कि उससे पूरे दिन घर का काम करवाया जाता था और आरोपित परिवार वाले छोटी से छोटी बातों पर उसके साथ बदसलूकी, मार पीट और गाली-गलौज करते थे। पिछले चार वर्षों में बच्ची ने कई बार घर जाने के लिए कहा लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई और उस से जबरन एवं बिना किसी वेतन के काम करवाया जा रहा था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस को तुरंत नोटिस जारी कर मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने तथा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। साथ ही बाल कल्याण समिति को मजदूरी वसूली एवं बालिका के पुनर्वास के लिए कहा गया है।

डीसीडब्ल्यू की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने घटना पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, “यह बहुत दुखद है कि दिल्ली में बाल श्रम और मासूम बच्चों के साथ क्रूरता की दिन व दिन नई घटनाएं सामने आ रही है। मैं उस दर्द की कल्पना भी नहीं कर सकती जो उस मासूम सी लड़की को सहना पड़ा।

इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उस बेचारी बच्ची के हक के पैसे और वेतन उसको अवश्य मिलना चाहिए और बाल कल्याण समिति द्वारा उसका पुनर्वास किया जाना चाहिए। आयोग बच्ची की मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।”

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