राष्ट्रीय

सीमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में सेना की भूमिका को रक्षा मंत्री ने सराहा

नई दिल्ली, 09 नवम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में चल रही आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत की। उन्हें सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने देश के सबसे भरोसेमंद संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति देश के नागरिकों के विश्वास को दोहराया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा जरूरत पड़ने पर नागरिक प्रशासन को सहायता देने में सेना की भूमिकाओं को सराहा।

सेना के कमांडर राष्ट्र की सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए 06 नवम्बर से नई दिल्ली में इकठ्ठा हुए हैं। इस दौरान भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श कर रहा है। इसी आधार पर भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तय की जानी है। इसके अलावा सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन, मानव संसाधन प्रबंधन, स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल करने से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

इसी क्रम में सम्मेलन के तीसरे दिन आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ बातचीत की। उन्हें भारतीय सेना की भविष्य के लिए जरूरतों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। रक्षा मंत्री ने देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति नागरिकों के विश्वास को दोहराया। राजनाथ सिंह ने देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा नागरिक प्रशासन की सहायता करने में सेना की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। रक्षा मंत्री ने उच्च स्तर की परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए रक्षा बलों की सराहना की, जिसका अनुभव उन्होंने हमेशा सीमावर्ती क्षेत्रों की अपनी यात्राओं के दौरान किया है।

उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए सेना के प्रयासों और ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण’ या ‘आत्म-निर्भरता’ के उद्देश्य की दिशा में प्रगति की भी सराहना की। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए उच्च परिचालन तत्परता बनाए रखने के लिए भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय सेना और उसके नेतृत्व और पूर्ण विश्वास और भरोसा है। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी परिचालन आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहना चाहिए, इसलिए परिचालन की तैयारी हमेशा अपने उच्च स्तर पर होनी चाहिए।

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