समस्याओं को लेकर एडीएम से मिले लोकतंत्र सेनानी
मेरठ, 22 सितम्बर। लोकतंत्र सेनानियों ने अपनी समस्याओं को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय में एडीएम वित्त एवं राजस्व को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को परिचय पत्र 2018 में जारी किए गए थे, लेकिन परिचय पत्रों को जारी करने का वर्ष 2006 दर्ज है।
लोकतंत्र सेनानी समिति मेरठ के अध्यक्ष प्रदीप कंसल और महामंत्री सर्वेश नंदन गर्ग के नेतृत्व में गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी कार्यालय में एडीएम वित्त से मिला। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को जारी परिचय पत्र बनाने की वास्तविक तिथि 20 मार्च 2018 है, जबकि परिचय पत्रों पर 27 सितम्बर 2006 अंकित है। परिचय पत्रों के पीछे लिखा है कि जारी करने की तारीख से ये परिचय- पत्र पांच वर्ष तक की अवधि तक वैध रहेंगे। ऐसे में लोकतंत्र सेनानियों को रोडवेज बसों में सफर करते समय समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बस कंडक्टरों द्वारा इन परिचय पत्रों को एक्सपायर बताकर अमान्य घोषित कर दिया जाता है। इसका विरोध करने पर कंडक्टर अभद्रता करते हैं और मजबूरन लोकतंत्र सेनानियों को टिकट खरीदने पड़ते हैं।
इस समस्या के निस्तारण के लिए सभी लोकतंत्र सेनानियों को नए परिचय पत्र सही तिथि अंकित करके जारी किए जाए। उन्होंने कहा कि नियम शर्तों में परिचय पत्रों के पीछे सरकारी अस्पतालों में मेडिकल सुविधा निःशुल्क, बसों में सेनानी के साथ एक सहयोगी की यात्रा निःशुल्क मान्य भी छपा होना चाहिए। सेनानियों को मिलने वाली सम्मान राशि प्रत्येक माह की 3 या 4 तारीख तक बैंक खातों में जमा होनी चाहिए।
सेनानियों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए जिलाधिकारी स्तर से शासन से संपर्क किया जाना चाहिए। जबकि सरकार बार-बार डीएम से सेनानियों का डाटा मांग रही है। आयुष्मान कार्ड बनवाने में शीघ्रता की जाए। वर्तमान जीवित लोकतंत्र सेनानियों की पत्नी का फोटो, आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर आदि अधीनस्थ कार्यालय और तहसील द्वारा प्राप्त करके उनके रिकार्ड में लगाए जाए, जिससे सेनानियों की मृत्यु के बाद पत्नी को मिलने वाली सुविधाओं में अनावश्यक देरी ना हो।
इस अवसर पर ब्रह्मपाल सिंह, कृष्णा कांता, बाबूराम, सतेंद्र कुमार, सुधाकर शर्मा आदि लोकतंत्र सेनानी उपस्थित रहें।