रजौली एसडीएम और नवादा डीएसओ पर लगे आरोपों की जांच करेंगी डीएम
नवादा 22 सितम्बर। एक डीलर को बचाने के लिए कथित जालसाजी के आरोपों में घिरे रजौली के एसडीएम आदित्य कुमार पियूष और नवादा के जिला आपूर्ति पदाधिकारी अजय कुमार प्रभाकर की मुश्किलें बाद गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने डीएम नवादा से मामले की जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है। सरकार के अवर सचिव शिव मोहन प्रसाद ने पत्रांक 15899 दिनांक 6 सितंबर 22 की तिथि में जिलाधिकारी नवादा को आरोपों की जांच कर प्रतिवेदन यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता नवादा जिले के कौआकोल के प्रणव कुमार चर्चिल की शिकायत पर जांच का आदेश दिया गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
एक जन वितरण दुकान का लाइसेंस लेने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया गया। बात जब खुली तो आरोपित डीलर को बचाने के लिए सारा सिस्टम एक पैर पर खड़ा हो गया। एक झूठ को सच साबित करने के लिए लगातार गलत पत्राचार किया गया। संबंधित अधिकारियों की गर्दन जब फंसने लगी तो डीलर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया।
नवादा जिले के रजौली अनुमंडल के सिरदला प्रखंड क्षेत्र का यह मामला था। जहां के धीरौंध पंचायत के नवाबगंज निवासी भोला लाल बर्नबाल के पुत्र विकास कुमार के नाम 2018 में जनवितरण दुकान का लाइसेंस 80/18 निर्गत किया गया था। लाइसेंस लेने के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता में स्नातक की डिग्री को संलग्न किया था। डिग्री बुंदेलखंड विश्व विद्यालय झांसी का था।
डाली गई थी आरटीआई
विकास की डिग्री जाली होने के संदेह में एक आरटीआई अनुमंडल पदाधिकारी रजौली को दी गई, जिसमें विकास के सभी सर्टिफिकेट की अभिप्रमाणित प्रति की मांग की गई थी। आरटीआई से मांगी गई सूचना जो उपलब्ध कराई गई उसपर आवेदक संतुष्ट नहीं हुए। कौआकोल प्रखंड के बरौन निवासी प्रणव कुमार चर्चिल द्वारा आरटीआई डाली गई थी।
लोक शिकायत में पहुंचा मामला
आरटीआई के माध्यम से सही सूचना नहीं देने का जिक्र करते हुए प्रणव जिला लोक शिकायत में मामले को ले गए। सुनवाई के बाद अपील को यह कहकर खारिज कर दिया गया की विकास के प्रमाण पत्र का सत्यापन बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से कराया गया है, जो सही पाया गया है। सत्यापन रिपोर्ट 6.12.21 की
एसडीओ रजौली द्वारा जांच कराई गई थी। एसडीओ के रिपोर्ट के आधार पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी अजय कुमार प्रभाकर द्वारा जिला लोक शिकायत को पत्र भेजा गया था।