राष्ट्रीयहरियाणा

हरियाणा की बेटियों का दम पूरी दुनिया ने देखा: द्रौपदी मुर्मू

चंडीगढ़, 30 नवंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बेटियां शक्ति का स्वरूप हैं। हरियाणा की बेटियों की ऊर्जा और दमखम को आज खेल के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखा है। यही संदेश समाज में देने के लिए हम सभी को बेटियों को सशक्त बनाना चाहिए।

द्रौपदी मुर्मू ने यह आह्वान बुधवार को चंडीगढ़ हरियाणा राजभवन में आशा वर्कर्स, एनएनएम, डॉक्टरों और खिलाड़ियों से सीधा संवाद करते हुए किया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे।

हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज के संवाद में उन्होंने जाना कि कैसे हरियाणा की बेटियां आज आगे बढ़ रही हैं।

द्रौपदी मुर्मू ने डॉक्टरों, आशा वर्कर्स और एएनएम से सीधा संवाद करते हुए उनसे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के कार्यान्वयन और इस दौरान आई कठिनाइयों से जुड़े अनुभवों को जाना। संवाद के दौरान एक डॉक्टर ने बताया कि वर्ष 2015 में पानीपत से प्रधानमंत्री ने इस अभियान की शुरुआत की थी और मुख्यमंत्री ने इस अभियान के लिए अलग से एक सेल का गठन किया था।

मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई करने और व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। उनके मार्गदर्शन में हमने लिंग जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की और ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे भेजा।

राष्ट्रपति ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार और जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे सभी लोगों को अपने इन प्रयासों को निरंतर जारी रखना है।

एक आशा वर्कर ने राष्ट्रपति को बताया कि किस प्रकार वह 2015 से ही इस अभियान से जुड़ी हैं और लिंग जांच से जुड़ी 19 रेड में शामिल रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पड़ोस में ही भ्रूण हत्या किये जाने के एक मामले की जानकारी अपनी टीम को दी और टीम ने मौके पर पहुंच कर उचित कर्रवाई की।

हिसार की पर्वतारोही अनिता कुंडू ने बताए अनुभव

राष्ट्रपति ने महिला खिलाड़ियों से भी सीधा संवाद किया और उनके जीवन के अनुभवों को जाना। इस दौरान तीन बार माउंट एवरेस्ट तथा सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहराने वाली हिसार जिले की पर्वतारोही अनिता कुंडू ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां ने किस प्रकार उनका साथ दिया और वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं। इसी प्रकार, पूजा सिहाग और सूचिका ने भी अपनी विकट परिस्थितियों से गुजरते हुए आज एक खिलाड़ी के तौर पर अपना मुकाम हासिल करने की कहानी को साझा किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker