दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के पर्युषण पर्व का समापन
अररिया 09 सितम्बर। दस दिवसीय दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के पर्युषण महापर्व का पूरे विधि विधान और पारंपरिक तरीके के साथ आज संपन्न हुआ। इस अवसर पर कोठीहाट रोड स्थित जिले के एकमात्र श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विराजित प्रतिमाओं का सामूहिक रूप से कलशाभिषेक , शांति धारा, आरती एवं नित्य पूजा के अलावा कई विशेष पूजाएं जिसमें प्रमुख रूप से सोलह कारण पूजा, दस लक्षण धर्म की पूजा, भक्तांबर एवं तत्वार्थ सूत्र, पंचमेरू पूजन, रत्नत्रय, सम्यक ज्ञान- दर्शन -चरित्र, 24 तीर्थंकरों की पूजा की गयी।
मौके पर दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष बिनोद सरावगी ने बताया कि पर्युषण महापर्व को दस लक्षण धर्म के रूप में मनाया जाता है। जिसमें इसके अनुयायी धर्म के दस लक्षणों क्षमा ,मार्दव, आर्जव, सत्य ,शौच, संयम, तप, त्याग ,आकिन्चन, ब्रह्मचर्य का अनुसरण एवं अनुपालन करते हैं। इन सारे धार्मिक अनुष्ठानों में मैना देवी जेना अग्रवाल, बिनोद सरावगी, राजकुमारी जैन, पवन कुमार जैन, सरोज जैन, सुलोचना देवी धनावत, प्रोफेसर उर्मिला जैन, शीतल धनावत, मोनिका सोनावत, अंकित अग्रवाल, हरि धनावत, नितेश अग्रवाल, प्रीति धनावत, संगम देवी , प्रदीप जैन आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
फारबिसगंज में जैन धर्म के दिगंबर पंथ के अनुयायियों के संख्या काफी कम है, परंतु इस पर्युषण महापर्व पर इनके उत्साह में कोई कमी नहीं थी। इस अवसर पर राजकुमारी जैन ने बताया कि संभवत पूरे विश्व में सिर्फ जैन धर्म में ही यह परंपरा है की पर्व के समापन को हम क्षमा वाणी से करते हैं ,जिसके बाद सभी कोई सभी अपने सगे संबंधियों, मित्रों, चिर -परिचितो से जाने अनजाने मे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हुई भूलों के प्रति क्षमा याचना करते हैं।