बिहार

आर्थिक जीवन का दोहन करता है कटाव, दियारा में बने रिंग बांध : राकेश सिन्हा

बेगूसराय, 09 दिसम्बर। बिहार के बेगूसराय एवं अन्य जिला तथा असम एवं बंगाल में प्रत्येक साल होने वाले बाढ़ की विभिषिका का मामला शुक्रवार को देश के उच्च सदन राज्यसभा में पहुंच गया है।

बेगूसराय निवासी राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में आज स्पेशल मेंशन में नदियों से हो रहे कटाव पर चिंता व्यक्त करते हुए दियारा को किसानों के शब्दकोश से मुक्त कर कृषि और अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए केन्द्र सरकार से पहल करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा है कि बिहार, बंगाल और असम सहित देश के की राज्यों में दियारा एवं कटाव ना सिर्फ किसानों के सामाजिक और आर्थिक जीवन का दोहन करता है। बल्कि इसका सीधा प्रभाव देश की कृषि उत्पादों पर भी पड़ता है। अर्थव्यवस्था पर बाढ़ नियंत्रण एवं प्रबंधन के कारण वित्तीय दबाव भी रहता है।असम में ब्रह्मपुत्र तथा बिहार में गंगा, कोसी और गंडक नदियों के कारण करोड़ों किसान पीढ़ियों से प्रभावित हो रहे हैं। बाढ़ और कटाव के कारण प्रत्येक वर्ष दियारा क्षेत्र का विस्तार होता है। दियारा में दो फसल नहीं हो पाती है, अस्पताल, स्कूल, सड़क का अभाव रहता है। पानी के कारण भवन भी टूट जाता है।

उन्होंने सदन में कहा है कि बिहार के बेगूसराय में 43 प्रतिशत भूमि दियारा है। चमथा, मधुरापुर. नयागांव, मधुसूदनपुर, परमानंदपुर, विशनपुर, भवानंदपुर, शाम्हो, नयागांव चौथम जाकर देखा कि छोटे किसान तंगी हालत में रह रहे हैं। यहां के अधिकांश किसान भूमिहीन बनते जा रहे हैं। एक व्यक्ति अपने जीवन में बाढ़ के विध्वंस के कारण दो बार रहने का स्थान बदलने को मजबूर होता है।दर्जनों बार स्वयं दियारा क्षेत्र का दौरा किया, स्थानीय प्रशासन को सुझाव दिया तथा समन्वय बनाकर तात्कालिक उपाय हुआ जो हर साल होता है। इसका स्थाई निराकरण किया जाय तथा जहां जरूरत है वहां रिंग बांध का निर्माण किया जाए। इससे विस्थापन भी रुकेगा और समस्या का स्थाई समाधान होगा लाखों किसान के आय में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए केंद्र सरकार के पहल की आवश्यकता है।

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