हिसार : एचएयू मेले से किसानों ने खरीदे डेढ़ करोड़ के रबी फसलों के बीज
हकृवि का कृषि मेला संपन्न, एक लाख 31 हजार किसान हुए शामिल
हिसार, 14 सितम्बर। यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय रबी कृषि मेले से किसानों ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के रबी फसलों के बीज खरीदे। दो दिवसीय कृषि मेला बुधवार को संपन्न हो गया। मेले में दोनों दिन किसानों की भारी गहमा-गहमी रही। मेले के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा मुख्य अतिथि थे।
मेले में दोनों हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्यों से करीब एक लाख 31 हजार किसान शामिल हुए और किसानों ने करीब डेढ़ करोड़ के रबी फसलों व सब्जियों की उन्नत व सिफारिशशुदा किस्मों के प्रमाणित बीज तथा फलदार पौधों की नर्सरी खरीदी। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहली बार है कि इतनी भारी संख्या में किसानों ने कृषि मेला में भाग लिया है। डॉ. जीतराम शर्मा ने किसानों को इस प्रकार के आयोजनों में बढ़-चढक़र भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा इससे उन्हें खेती संबंधी नवीन ज्ञान प्राप्त होगा तथा कृषि संबंधी अपनी समस्याओं का कृषि वैज्ञानिकों से हल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने किसानों से कृषि में सिंचाई जल के प्रबंधन और पराली व फसल अवशेषों को जलाने की अपेक्षा उनका यथास्थान मशीनीकृत प्रबंधन करने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि किसानों को आगामी रबी मौसम की फसलों व सब्जियों के बीज तथा फलों की नर्सरी उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय ने मेला स्थल पर सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बीज बिक्री की पर्याप्त व्यवस्था की थी। बीज के अलावा किसानों ने 68 हज़ार रूपए का कृषि साहित्य भी खरीदा। डॉ. शर्मा ने बताया कि मेले में किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म का भ्रमण करवाकर उन्हें वैज्ञानिक विधि से उगाई गई फसलों के प्रदर्शन प्लॉट दिखाए गए तथा उन्हें जैविक खेती, खेती में जल व प्राकृतिक संसाधन संरक्षण, कृषि उत्पादन व गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।
सह निदेशक विस्तार एवं मेला अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि मेले में किसानों के आकर्षण का विशेष केन्द्र रही कृषि-औद्योगिक प्रदर्शनी में करीब 270 स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टॉलों पर विश्वविद्यालय तथा गैरसरकारी एजेसियों व मल्टीनैशनल कंपनियों द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी, मशीनें, यंत्र आदि प्रदर्शित किए गए थे, जिन पर किसानों की भारी भीड़ रही।