उत्तर प्रदेश

मथुरा : श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई शोकावकाश के कारण टली

– अदालत ने दी तीन अलग-अलग तारीख

मथुरा, 15 जुलाई। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मामलों को लेकर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई शोकावकाश के कारण टल गई है। शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अलग-अलग पक्षकारों के आठ मामलों पर होने वाली सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने सभी मामलों में सुनवाई के लिए 5, 16 अगस्त, 19 जुलाई तीन अलग-अलग तारीख दी हैं।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह वाद मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में सुनवाई होनी थी।वकील कृष्णकांत चोहरी वालों के आकस्मिक निधन के चलते वकीलों की कंडोलेंस शुक्रवार को रखी गई थी, इसके चलते न्यायालय में आज सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री व पंकज सिंह के वाद में 5 आगस्त की तारीख दी है। वहीं, ठाकुर केशवदेव मंदिर के सेवायत पवन शास्त्री, अनिल कुमार त्रिपाठी व अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह के वाद में सुनवाई के लिए अदालत ने 16 आगस्त की तारीख तय की है, जबकि शैलेन्द्र सिंह के एक अन्य मामले में एडीजे सप्तम की अदालत ने 19 जुलाई की तिथि दी है। जन्मभूमि मामले की सुनवाई के लिए पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहेंगे। पक्ष विपक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में अपनी दलील पेश करेंगे।

शुक्रवार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि केस में हमारी ओर से जवाब दाखिल किया जा चुका है। शाही ईदगाह के सचिव अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि अदालत में हमारी ओर से जवाब दिया जाना है। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि उनके मामले में सुनवाई जारी है।

विदित रहे कि, श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह प्रकरण में विभिन्न पक्षकारों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर दावा किया है। अदालत में सभी मामलों की सुनवाई की जा रही है। श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन और जिला जज की कोर्ट में सभी याचिका में मांग की गई है कि विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद हटाई जाए।

याचिका कर्ताओं को कहना है कि मुगल शासक औरंगजेब में मंदिरों को तोड़कर अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण किया था। अखिल भारत हिंदू महासभा और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने मांग की गई है कि विवादित स्थान का सर्वे किया जाए और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाए। कुछ लोग प्राचीन साक्ष्यों को हटाने का प्रयास कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रमुख रूप से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव, श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह व अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी आदि के मामलों में सुनवाई होनी थी।

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