राष्ट्रीय

पाकिस्तानी अखबारों सेः डेली मेल का माफीनामा और केंद्रीय काबीना के फैसले सुर्खियों में छाए

नई दिल्ली, 09 दिसंबर। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने ब्रिटेन से प्रकाशित होने वाले अखबार डेली मेल के जरिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से माफी मांगे जाने की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं।

अखबार ने कहा है कि प्रधानमंत्री पर लगाया गया आरोप गलत था शहबाज शरीफ और उनके दामाद ने कोई गलत काम नहीं किया है। इस पर गृह मंत्री राना सनाउल्ला ने कहा है कि प्रधानमंत्री को बदनाम करने का प्रोपेगेंडा बेनकाब हो गया है। प्रधानमंत्री इंटरनेशनल स्तर पर साफ सुथरी छवि के मालिक हैं।

अखबारों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की खबरें देते हुए बताया है कि आम चुनाव के लिए चुनाव आयोग को 15 अरब रुपये दिए जाने का फैसला लिया गया है। बैठक में बाढ़ प्रभावितों के लिए डोनर कॉन्फ्रेंस बुलाने की भी मंजूरी दी गई है। रूस से 4.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की भी अनुमति प्रदान की गई है।

अखबारों ने वित्त मंत्री इसहाक डार के राष्ट्रपति आरिफ अलवी से एक दिन में दो बार मुलाकात करने की खबरें भी दी हैं। राष्ट्रपति को चुनाव से संबंधित सरकार के जवाब से आगाह कराया गया है। अखबारों ने राष्ट्रपति अलवी के जरिए जनरल साहिर शमशाद और जनरल आसिम मुनीर को निशान-ए-इम्तियाज से नवाजे जाने की खबरें भी दी हैं।

अखबारों ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को अब तक 70 अरब रुपये की मदद दे चुके हैं। टांक और डेरा इस्माइल खां में बाढ़ प्रभावितों के तबाह हुए घरों के दोबारा से निर्माण कराए जाने के बाद उन्हें चाबियां सौंपी गई हैं।

अखबारों ने पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय साजिश की वजह से अर्थव्यवस्था बेहतर होने की बजाय दलदल में फंसती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय ताकतें देश में अस्थिरता पैदा कर रही हैं। संसदीय संस्थाएं कमजोर हो रही हैं। पिछले साढ़े तीन सालों में अर्थव्यवस्था को जमींदोज कर दिया गया है।

अखबारों ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का एक बयान छापा है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ जंग में प्रमुख हिस्सेदार है। पाकिस्तान की रक्षा जरूरतों में वृद्धि करेंगे। पाकिस्तान में किसी व्यक्ति विशेष को अहमियत नहीं देते बल्कि पाकिस्तान की जनता और संविधान के साथ खड़े हैं।

अखबारों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सऊदी अरब से 4.2 अरब डॉलर की मदद की दरख्वास्त किए जाने की खबरें देते हुए बताया है कि सऊदी अरब के वित्त मंत्रालय ने मदद देने का संकेत भी दिया है। इसके साथ ही शी जिनपिंग के ऐतिहासिक सऊदी अरब के दौरे पर दोनों देशों के दरमियान संबंधों का नया दौर होने की भी खबरें छपी हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच 30 अरब डॉलर के समझौते हुए हैं। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफ आदि ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की हैं।

रोजनामा नवाएवक्त ने जम्मू-कश्मीर में सेना और अर्धसैनिक बलों की छापामार कार्रवाई के खिलाफ विभिन्न क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन की खबर प्रकाशित की है। बारामुला और जम्मू के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया गया है। अखबार में पत्रकार खालिद गुल की जमानत मंजूर होने और अदालत के जरिए उन्हें छोड़े जाने का हुक्म दिए जाने की खबर भी छपी है। इसके साथ ही सरकार की नीतियों से तंग आकर 4 कश्मीरी पत्रकारों द्वारा अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिए जाने की भी खबर है।

रोजनामा खबरें ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलोच का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है बल्कि पाकिस्तान में भारत आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इसका नोटिस लेना चाहिए। प्रवक्ता ने अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा है कि हम प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित अमरीकी आरोपों को रद्द करते हैं। उनका कहना है कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता की धज्जियां उड़ा रहा है मगर अमेरिकी कमीशन की सिफारिश के बावजूद उसका नाम निकाल दिया गया और पाकिस्तान का नाम सूची में शामिल करना भेदभावपूर्ण व्यवहार है।

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