बिहार

प्रशासनिक उत्पीड़न के विरुद्ध गांधीवादी सिद्धेश्वर बाबू का भूख हड़ताल

नवादा 8 सितम्बर। गांधी आश्रम सेवा समिति के महामंत्री प्रसिद्ध गांधीवादी विचारधारा के समाजसेवी 90 वर्षीय सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने प्रशासनिक उत्पीड़न के विरोध में गुरुवार से नवादा समाहरणालय के निकट अवस्थित रैन बसेरा मैं भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

उन्होंने जान देकर भी अपनी मांगे मानवाने का संकल्प लिया । श्री सिंह ने डीएम उदिता सिंह को दिए गए स्मार पत्र में कहा है कि उनकी जमीन की बिक्री पर रोक लगा दी गई है ।जबकि सारे अधिकारियों ने 1 सप्ताह के भीतर रोक हटाने की बात कही थी। लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद भी अधिकारियों की टालमटोल की नीति के कारण उनके जमीन से रोक नहीं हटाई गई। जबकि पहले उन्होंने अपनी जमीन की बिक्री भी की है ।उन्होंने कहा कि उनकी पौत्री की शादी निश्चित हो चुकी है ।जिसकी शादी संपन्न कराने के लिए जमीन की बिक्री बहुत ही जरूरी है ।

गांधीवादी नेता सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा है कि जिला प्रशासन के अधिकारी जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहे हैं। प्रशासनिक उत्पीड़न के विरुद्ध उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की है ।उन्होंने कहा है कि दो- दो डीएम ने इसे गलत करार देते हुए उनके समस्याओं का शीघ्र हल का आश्वासन दिया था। लेकिन डीएम का आश्वासन झूठ का पुलिंदा सिद्ध हुआ ।जिसके बाद वे भूख हड़ताल पर बैठे हैं ।नवादा के अंचलाधिकारी सिद्धेश्वर सिंह को मनाने पहुंचे लेकिन उन्होंने भूख हड़ताल खत्म करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया ।गांधी आश्रम सेवा समिति के अध्यक्ष प्रसिद्ध व्यवसाई राजीव सिन्हा ने डीएम सहित जिले के अधिकारियों से गांधीवादी सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह की मांगें मानकर उन्हें राहत देने का आग्रह किया है।

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