राष्ट्रीय

गहलोत का पायलट पर हमला, कहा- जिसने बगावत की हो, उसे कैसे सीएम बना सकते हैं

जयपुर, 24 नवंबर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दार नाम दिया गया है, उसे कैसे लोग स्वीकार कर सकते हैं। पायलट को कैसे सीएम बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए। अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए। मैं अमरिंदर सिंह की तरह बगावत नहीं करूंगा। मैं सरकार लाने के लिए जान लगा दूंगा।

एक निजी चैनल से बातचीत में गहलोत ने कहा कि जिसके कारण हम 34 दिन होटलों में बैठे रहे, ये सरकार गिरा रहे थे। जो आदमी गद्दारी कर चुका है, उसे हमारे एमएलए कैसे स्वीकार करेंगे? भविष्य में सीएम रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि आज तो मैं ही हूं यहां पर। हाईकमान के इशारे की छोड़ो, मुझे तो कोई इंडिकेशन नहीं है। मैं हाईकमान के साथ हूं। पायलट को कोई स्वीकार ही नहीं करेगा। हाईकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा। सितंबर की बातें हैं। अजय माकन और हाईकमान को अपनी फीलिंग बता चुका हूं। राजस्थान में सरकार आना जरूरी है। मैं तीन बार सीएम रह चुका। मेरे लिए सीएम रहना जरूरी नहीं है।

गहलोत ने कहा कि जब 2009 में लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 20 सांसद कांग्रेस के जीते तो मुझे दिल्ली बुलाया गया। जब वर्किंग कमेटी की बैठक हुई तो राजस्थान से मंत्री बनाने के बारे में मुझसे पूछा गया। सचिन पायलट को जानकारी है कि मैंने पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने की सिफारिश की थी। पार्टी की हालत पर गहलोत ने कहा कि मुझे कोई टेंशन नहीं है। थोड़े बहुत मतभेद सब जगह होते हैं। 25 सितंबर को बगावत नहीं हुई थी। 2019 में बगावत हुई थी, 34 दिन होटलों में रहे। 25 सितंबर को 90 लोग इकट्ठे हुए। ये वे लाेग थे, जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया, वरना सरकार बच नहीं सकती थी। बिना हाईकमान कोई सीएम सरकार बचा ही नहीं सकता।

गहलोत ने कहा कि कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री ऐसा नहीं है जो हाईकमान के बिना विधायकों का समर्थन ले ले। जिसने पार्टी के साथ गद्दारी की, गद्दारी किए हुए आदमी को हमारे विधायक कैसे स्वीकार कर सकते हैं। हम उम्मीद नहीं कर सकते थे कि पार्टी का अध्यक्ष अपनी ही पार्टी की सरकार गिराने के लिए विपक्ष से मिल जाए। इतिहास में आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से विधायक, पायलट का नाम सुनते ही नाराज थे।

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