उत्तर प्रदेश

डबल इंजन की सरकार युवा विकास के लिए समर्पित : योगी आदित्यनाथ

-.शिक्षा के जगत में अभिनव प्रयोग के लिए अद्भुत चैतन्यता से युक्त थे बाबू साहब

.-बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की मूर्ति अनावरण करना मेरे जीवन का सौभाग्य

गाजीपुर, 09 सितम्बर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार युवाओं के विकास के लिए समर्पित है। आज विश्व में भारत की छवि सबसे युवा राष्ट्र के रूप में है। हमारी आबादी के 56 फ़ीसदी लोग युवा हैं। इतना ही नहीं, पूरी दुनिया में सबसे अच्छा व प्रतिभावान युवा हमारा है। जिनके विकास के लिए सतत प्रयत्नशील यह सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं के विकास के लिए नित नए प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को गाजीपुर जनपद मुख्यालय स्थित पीजी कॉलेज के संस्थापक शिक्षाविद बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह की मूर्ति का अनावरण करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने पीजी कॉलेज के मैदान में विभिन्न लाभार्थियों को योजनाओं से संबंधित प्रमाण पत्र दिया। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि आधुनिक शिक्षा के साथ ही व्यवहारिक शिक्षा भी आवश्यक है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से सबको उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने गाजीपुर में शिक्षा की अलख जगाने वाले बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह को याद कर कहा कि उनकी मूर्ति अनावरण करना मेरे जीवन का सौभाग्य है। आज मैं प्रतिमा अनावरण करते हुए अभिभूत हूं और शिक्षा जगत में मालवीय जी के नाम से जाने जाने वाले बाबू राजेश्वर प्रसाद सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

उन्होंने बताया कि जब 1956.57 मे गोरखपुर विश्वविद्यालय 2 काॅलेजों को लेकर स्थापना की गई, जिसमें यह काॅलेज भी शामिल रहा। इनसे हमारा आत्मीय संबंध रहा है। शिक्षा के प्रति जागरूकता व अद्भुत चैतन्यता का प्रमाण यह है कि बाबू साहब उस समय शिक्षा नीतियों पर अभिनव प्रयास व प्रयोग करते रहे। जिसके बाद हम लोगों को भी जागरूक करते थे। वह बताते थे कि हमारे कॉलेज में यह व्यवस्था सुदृढ़ हो गई है। आप भी अपने काॅलेज में इन नीतियों को लागू कीजिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गाजीपुर का गौरवशाली अतीत रहा है। महर्षि विश्वामित्र की धरती गाजीपुर भारत के इतिहास बनाने वाला जनपद है। राक्षसों का समूल नाश करने में महर्षि विश्वामित्र के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। अगर महर्षि विश्वामित्र नहीं होते तो आर्यावर्त की दो ताकतें एक साथ नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि सीता स्वयंवर के समय जनक की सभा में अयोध्या को निमंत्रण तक नहीं था , लेकिन गाजीपुर के महर्षि विश्वामित्र ने राम को जनकपुर पहुंचाकर सीता राम का मिलन कराया। जो राक्षसों के समूल नाश का सशक्त माध्यम बने और रामराज्य की स्थापना भी संभव हो सकी। ऐसे में विरासत के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिनों गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। जिसका नाम महर्षि विश्वामित्र के नाम पर रखा गया। वहीं, पड़ोस के जनपद आजमगढ़ में महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इन दोनों संस्थानों की स्थापना और उनके नाम महापुरुषों पर होना यह विरासत का सम्मान है। भारत को अगर विकसित राष्ट्र बनना है तो विरासत का सम्मान करना पड़ेगा। पूर्वजों को सम्मान देना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की अगर संक्षिप्त परिभाषा करें तो वह होगा कि अगर किसी ने हमारे प्रति कुछ किया है तो उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हमारा धर्म है।

इस अवसर पर सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल, पीजी कॉलज के प्रबंधक व प्रदेश के अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह, नगर पालिका परिषद चेयरमैन सरिता अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष प्रभुनाथ चौहान, पूर्व मंत्री संगीता बलवंत, पूर्व विधायक अलका राय, सुनीता सिंह, सुभाष पासी, एस पी सिंह व भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

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