हरियाणा

डॉक्टर नीलेश देवीदास चांदोरकर को डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने पर किया सम्मानित

कुरुक्षेत्र भारतीय इतिहास संकलन समिति कुरुक्षेत्र इकाई एवं बालकुलम् शिक्षण संस्थान कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में गीता निकेतन आवासीय विद्यालय कुरुक्षेत्र के सभागार में ट्राईबल एक्ट का आदिवासी जीवन एवं वनों पर प्रभाव विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में मंच संचालन करते हुए डॉ. प्रशांत शर्मा ने आए हुए अतिथियों का परिचय करवाया वहीं अतिथिगण से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ करने का आग्रह किया। इस अवसर पर सभी सम्मानित सदस्यों ने  भारत के मिसाइल मैन आदरणीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी के चित्र पर  पुष्प अर्पित किए व उनके जन्मदिवस पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। डॉ. प्रशांत शर्मा ने मंच संचालन करते हुए  एपीजे अब्दुल कलाम जी के जीवन से जुड़े कई दृष्टांत सांझा किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. नरेश कुमार कुलसचिव श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र ने अपनी गरिमामई उपस्थिति से सभी को गौरवान्वित किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता रायगढ़ महाराष्ट्र से डॉ. नीलेश देवीदास चांदोलकर वन अधिकारी महाराष्ट्र ने अपनी शोध पुस्तक के माध्यम से जनजातीय जीवन में सामाजिक, आर्थिक, सांसारिक तथा व्यक्तिगत पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। जनजातीय समुदाय की भारतीय संस्कृति की परंपराओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मानद उपाधि से विभूषित डॉ. नीलेश चांदोरकर जी को मुख्य अतिथि ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया एवं उनकी पुस्तक ट्राईबल एक्ट 2006 एवं उसका थाने फॉरेस्ट सर्कल फॉरेस्ट भूमि पर प्रभाव का विमोचन किया। मुख्य अतिथि डॉ. नरेश जी ने भी अपने उद्बोधन के माध्यम से जनजातीय समुदाय की जीवन शैली व भारतीयता का मूल दर्शन इनमें होता है, पर प्रकाश डाला तथा शुद्ध वातावरण जल जंगल और जमीन से उनका जीवन कैसे समरसता पूर्वक होता है, विस्तार पूर्वक सभी को बताया। डॉ. नरेश ने अपने वक्तव्य के माध्यम से जनजातीय समाज के कुछ ऐसे पहलुओं को छुआ जिससे, सभी अनभिज्ञ थे। हरियाणा प्रांत के संगठन सचिव इतिहास संकलन समिति के वरिष्ठ सदस्य माननीय कुलदीप चंद गुप्ता जी का उद्बोधन भी अनुभव परक एवं प्रेरणा दाई रहा। इस अवसर पर अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री सुंदरलाल धीमान जी ने आए हुए सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी इन संगोष्ठीओं के माध्यम से विचारविनिमय होने की आशा जताई व बालकुलम् शिक्षण संस्थान को धन्यवाद किया, जिन्होंने इस संगोष्ठी के लिए अथक प्रयास किया। भारतीय इतिहास संकलन समिति से श्री धर्मपाल शास्त्री जी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर आदरणीय कुलदीप चंद गुप्ता जी व श्री सुंदरलाल जी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया। डॉक्टर सौरव व योगेश शर्मा ने  मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह एवं शॉल देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित सभा के महासचिव श्री राजेंद्र जोशी जी, शिक्षाविद श्री नवल किशोर नवल एडवोकेट, श्री हरिराम जी पूर्व प्राचार्य, श्री अजमेर धीमान, डॉ. अनिल कौशिक, जयपाल, डॉक्टर सौरव त्रिखा, राजेश शर्मा, डॉक्टर सुभाष चंद्र कोषाध्यक्ष इतिहास संकलन समिति, प्रदीप सिंह, संदीप भारद्वाज, महेंद्र पाल शास्त्री, डॉक्टर नीरज वर्मा, सुभाष गर्ग, योगेश शर्मा आदि सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाराष्ट्र निवासी देवा भाऊ  ने सभी आगंतुक महानुभावों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

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