भारत का संविधान दुनिया का सबसे बेहतरीन संविधान है : पप्पू यादव
सहरसा,05 दिसंबर। जिला व्यवहार न्यायालय में उपस्थिति दर्ज कराने आए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बाहर निकल पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती और संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे खूबसूरत संविधान है। जिसमें सभी देशों की विशेषताओं को शामिल किया गया है।इस संविधान में गीता, कुरान, बाइबल, गुरु ग्रंथ साहब, अध्यात्म, मानवता,सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुंबकम एवं पूर्ण न्याय की व्यवस्था है। लेकिन इस संविधान को चलाने वाले अच्छे लोग नहीं है। भारत में अच्छे लोगों की कमी है बल्कि घोर संकट है।
उन्होंने कहा कि शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति भी दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया बल्कि दुनिया बना दी लेकिन यदि कोई मन से विकलांग हो तो संविधान चलाना मुश्किल है। संविधान भीड़तंत्र से नहीं चलती, संविधान नफरत से नहीं चलती।उन्होंने कहा की इस देश में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि आजाद हिंदुस्तान में पहली बार एम्स का साइबर सिस्टम हैक कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि गनीमत रही यदि बैंक का साइबर हैक हो जाता तो क्या होता।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा क्या यहां डेमोक्रेसी है। जेल में कौन लोग है जिन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाया है।सरकार को माफिया, पूँजीपति, अपराधी मिलकर चला रहे है।श्री यादव ने कहा कि मैं कल दियारा गया था जहां 8 लोगों को काटकर फेंक दिया गया।जिसका शव भी बरामद नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि दियारा में भैंस चारा को लेकर दूर-दूर से किसान आते हैं जिनसे रंगदारी मांगी जा रही है।वही रंगदारी नहीं देने के कारण जाति पूछ पूछ कर मारा जाता है। वही घर में जबरन घुस कर बहू बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जो प्रजातंत्र में अन्याय है।
उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं जिन से बात करने पर उस क्षेत्र में पुलिस कार्रवाई तेज कर दी गई है। लेकिन आजाद भारत में भी जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत आज भी चरितार्थ हो रही है। उन्होंने कहा कि दियारा टाल में आज भी फसल कोई बोता है और फसल कोई और काटता है। उन्होंने कहा कि बिना भेदभाव के सभी के लिए एक समान कानून एवं न्याय की व्यवस्था समय की मांग है।
उन्होने कहा कोशी प्रमंडल के सहरसा, मधेपुरा एवं पूर्णिया जिले की स्थिति बहुत गंभीर है। इस इलाके की आजादी के लिए संवैधानिक अधिकार के तहत आर पार की लडाई के लिए 11 को बैठक बुलाई गई है।