आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चों के लिए वरदान बनी हरियाणा सरकार की ‘चिराग’ योजना
हरियाणा सरकार प्रदेश के सभी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध – उपायुक्त
सोनीपत, 22 जुलाई। हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश के सभी बच्चों का सर्वांगीण एवं समग्र विकास करते हुए उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध है। हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मौजूदा सत्र से कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में पढऩे का समान अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान‘ (‘चिराग’) नामक महत्वकांक्षी योजना शुरू की गई है।
उपायुक्त ललित सिवाच ने हरियाणा सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए नई-नई योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ‘चिराग’ योजना भी प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों के बच्चों के लिए शुरू की गई ऐसी ही योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत निजी विद्यालयों की सहमति से ऐसे बच्चों जिनके माता-पिता, अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है और वे बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं उनके दाखिले इन निजी विद्यालयों में कक्षा दूसरी से बारहवीं तक किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ‘चिराग’ योजना के तहत कक्षा दूसरी से पांचवीं तक प्रति छात्र 700 रूपए, कक्षा छठी से आठवीं तक प्रति छात्र 900 रूपए एवं कक्षा नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रुपए प्रतिमाह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि, जो भी कम होगी वह विद्यालयों को अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा 24987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से राज्य में नि:शुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के सेक्शन 12 (1) (सी) को पूर्णत: लागू करते हुए सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा पहली या इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने का अलग से प्रावधान किया गया है।