राष्ट्रीय

भारत और फ्रांस ने यूक्रेन युद्ध, हिन्द प्रशांत और चीन की गतिविधियों पर की चर्चा

– पूर्वी लद्धाख में पीपी 15 से सेनाओं के पीछे हटने से एक समस्या कम हुई : जयशंकर

नई दिल्ली, 14 सितंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर और फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने यूक्रेन युद्ध, हिन्द प्रशांत क्षेत्र, आतंकवाद विरोधी सहयोग सहित विश्व मामलों पर बुधवार को नई दिल्ली में विचार विमर्श किया। इस दौरान हिन्द प्रशांत और भारत-चीन सीमा पर चीन की गतिविधियों के बारे में भी चर्चा हुई।

बैठक के बाद दोनों विदेश मंत्रियों ने एक साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के घटनाक्रम के संबंध में कहा कि उस क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 15 पर दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे सीमा विवाद के संबंध में एक समस्या कम हुई है।

विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी गुटों के नेताओं को आतंकवादी घोषित किये जाने के संबंध में पूछे गये एक सवाल के उत्तर में कहा कि जो देश इसमें बाधा पैदा कर रहे हैं, इससे स्वयं उनके हितों को नुकसान पहुंचेगा। चीन का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि ऐसा करने से स्वयं उनकी छवि खराब होती है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को घोषित आतंकवादियों की सूची में इसलिए शामिल किया जाता है क्योंकि वे पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को सूची में शामिल करने की दिशा में भारत और फ्रांस लंबे समय से सहयोग कर रहे हैं। जिन आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में पुख्ता सबूत हैं उन्हें सूची में शामिल किये जाने का विरोध करने वाले देश स्वयं अपने हितों और छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुट के सरगना को आतंकवादी के रूप में घोषित किये जाने का चीन ने सुरक्षा परिषद में कई बार विरोध किया है।

यूक्रेन युद्ध के संबंध में जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों उन इने गिने नेताओं में हैं जिन्होंने रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि भारत जोर देता रहा है कि बातचीत की मेज पर कूटनीति के जरिये यूक्रेन संघर्ष का समाधान हो।

फ्रांस की विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के संबंध में दोनों देशों का अपना-अपना रवैया है। हालांकि इस युद्ध के संबंध में दोनों देशों का एक जैसा आकलन है। उन्होंने कहा कि फ्रांस इस तथ्य से वाकिफ है कि भारत के रूस के साथ लंबे समय से संबंध कायम हैं। कैथरीन कोलोना ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया।

फ्रांस की विदेश मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा हुई जिसमें चीन की ओर से पेश चुनौतियों पर विचार किया गया। इस क्षेत्र की स्थिति के बारे में हमारा विश्लेषण एक जैसा है। इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों को लेकर एक जैसी चिंता है। उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत एक दूसरे का समर्थन करते हुए अपनी रणनीतिक स्वायत्तता कायम रख सकते हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र के संबंध में भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग को बढ़ाने का भी फैसला किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker