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संघर्षरत क्षेत्र में रूस के जनमत संग्रह पर भारत ने नहीं की सीधी टिप्पणी

नई दिल्ली, 22 सितंबर। विदेश मंत्रालय ने रूस की ओर से अपने कब्जे वाले यूक्रेन के डोनेत्स्क, लुहांस्क, खुरासान और ज़ापोरिज्जिया प्रांतों में जनमत संग्रह कराए जाने के फैसले पर सीधी टिप्पणी से बचते हुए कहा कि भारत संबंधित देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में यूक्रेन संघर्ष के बारे में भारत का पुराना रवैया दोहराते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि संघर्ष तत्काल समाप्त हो तथा बातचीत और कुटनीति की ओर लौटा जाए। प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संघाई सहयोग संगठन की शिखर वार्ता से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान इसी बात पर जोर दिया था।

भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप लेता है फैसले

रूस से हथियार और तेल की खरीद करने के संबंध में अमेरिका के कथित दबाव के संबंध में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय हितों के अनुरूप फैसले करता है। किसी भी तरह के दबाव का कोई सवाल ही नहीं है।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच संभावित बैठक के बारे में कहा कि यथा समय इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूयार्क में अपने प्रवास के दौरान अनेक देशों के विदेश मंत्रियों और नेताओं से मुलाकात की है। अपनी संघन कुटनीति के तहत उनकी करीब 50 देशों के नेताओं या विदेश मंत्रियों से मुलाकात हुई है।

ब्रिटेन के विदेश मंत्री से जयशंकर ने उठाया भारतीय समुदाय की सुरक्षा का मुद्दा

जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली से मुलाकात के दौरान ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की सुरक्षा के बारे में भी बात की। उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट में कहा कि विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने भारतीय समुदाय के लोगों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंता से सहमति जताई। हम उनके इस आश्वासन का स्वागत करते हैं।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के लिस्टर और बर्मिंगम में हिन्दू समुदाय के खिलाफ कट्टरपंथी मजहबी भीड़ द्वारा विरोध प्रदर्शन हुए थे तथा हिन्दू प्रतीक चिन्हों पर हमले हुए थे।

ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायुक्त ने इस संबंध में ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ चिंता व्यक्त की थी और भारतीयों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा था।

खालिस्तानी जनमत संग्रह बेमानी पाखंड

प्रवक्ता ने कनाडा में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के आयोजन के संबंध में कहा कि यह चरमपंथी गुटों की ओर से किया जा रहा बेमानी पाखंड है। उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार ने कहा है कि वह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है तथा तथाकथित जनमत संग्रह को स्वीकार नहीं करता। प्रवक्ता ने कहा कि इसके बावजूद भारत इस तरह के आयोजन को आपत्तिजनक मानता है।

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