मिशन एलआईएफई के इस वैश्विक जन आंदोलन में एक अरब लोगों को शामिल करना चाहता है भारत- भूपेन्द्र यादव
नई दिल्ली, 24 नवंबर। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को सीओपी 27 पर यूएन कंट्री टीम (यूएनसीटी) की विशेष बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ग्लासगो में आयोजित सीओपी 26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जीवन शैली अपनाने को बढ़ावा देने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण के रूप में साझा किया। तभी से इस दृष्टिकोण पर बहुत काम किया गया है। इस संदेश को वैश्विक समुदाय तक ले जाने के लिए मिशन एलआईएफई की परिकल्पना की गई थी। उन्होंने कहा कि भारत मिशन एलआईएफई के इस वैश्विक जन आंदोलन में एक अरब लोगों को शामिल करना चाहता है। इसी कड़ी में सीओपी27 के दौरान इंडिया पवेलियन में कई एलआईएफई संबंधित कार्यक्रमों के साथ शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि सीओपी 27 ने जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में 4 साल का कार्यक्रम स्थापित किया है। इससे लाखों छोटे किसानों की आजीविका का मुख्य आधार कृषि बुरी तरह प्रभावित होगी। छोटे किसानों और चरवाहों पर जलवायु परिवर्तन को रोकने के उपायों की जिम्मेदारियों का बोझ नहीं डालना चाहिए। विकसित देशों का जलवायु कार्रवाई में नेतृत्व करना वैश्विक न्यायोचित परिवर्तन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है।
उन्होंने कहा कि लालफीताशाही से संयुक्त राष्ट्र प्रणाली भी अछूता नहीं है। बहुपक्षीय पर्यावरण सम्मेलनों और संधियों के तहत कई जीईएफ परियोजनाओं के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है। यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते के तहत जीईएफ द्वारा मंजूर तीन महत्वपूर्ण परियोजनाएं एक साल के बाद भी शुरू नहीं हुई हैं। संबंधित संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का इसका संज्ञान लेना चाहिए और आने वाले महीने में इन परियोजनाओं को निश्चित रूप से लॉन्च किया जाना चाहिए।
बैठक के बाद नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र हाउस में स्विस दूतावास के साथ जलवायु परिवर्तन फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने भारत सरकार को शर्म अल-शेख, मिस्र में हाल ही में संपन्न सीओपी 27 में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जलवायु एजेंडे पर भारत का साहसिक नेतृत्व, और भारत में सरकारी और निजी क्षेत्र के भागीदारों से तेजी से उभर रहे अभिनव समाधान, अधिक टिकाऊ, न्यायसंगत और न्यायसंगत वैश्विक भविष्य के लिए दुनिया के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं।