राष्ट्रीय

 गरुड़ युद्धाभ्यास में भारत-फ़्रांस के एयर चीफ ने एक-दूसरे के फाइटर जेट उड़ाए

– जोधपुर एयरबेस पर चल रहे हवाई अभ्यास ‘गरुड़’ के दौरान खूब गरजे लड़ाकू विमान

– एलसीएच प्रचंड के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने का यह पहला मौका

नई दिल्ली, 08 नवम्बर। पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान के जोधपुर में चल रहे हवाई अभ्यास ‘गरुड़’ के दौरान मंगलवार को भारत और फ़्रांस के वायु सेना प्रमुखों ने अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी। वायु सेना स्टेशन जोधपुर से एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने फाइटर जेट राफेल और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के प्रमुख जनरल स्टीफन मिल ने सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट उड़ाया। दोनों ने संयुक्त प्रशिक्षण मिशन के हिस्से के रूप में अभ्यास में भाग लिया।

उड़ान भरने के बाद एफएएसएफ प्रमुख के साथ वायु सेना प्रमुख एसीएम चौधरी ने बताया कि हवाई अभ्यास गरुड़ दोनों वायु सेनाओं को एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और आत्मसात करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने 2003 से नियमित द्विपक्षीय अभ्यास के दौरान दोनों वायु सेनाओं के बीच बढ़ती नजदीकियों पर भी प्रकाश डाला, जो अभ्यास के प्रत्येक संस्करण के साथ विकसित हो रहा है। भारतीय और फ्रांसीसी वायु सेना के संबंधों को प्रदर्शित करते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि हमने सीखा है कि अपनी इंटरऑपरेबिलिटी को कैसे आगे बढ़ाया जाए। फ्रांसीसी वायु सेना भी राफेल उड़ाती है, हम भी राफेल उड़ाते हैं, लेकिन हम राफेल के साथ-साथ कई अन्य विमान भी उड़ाते हैं। मित्र राष्ट्रों के साथ बातचीत करना सीखना जरूरी है।

भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के बीच द्विपक्षीय हवाई अभ्यास ‘गरुड़ VIl’ 26 अक्टूबर को शुरू हुआ था, जो 12 नवंबर तक चलेगा। इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए फ्रांसीसी वायु सेना अपने चार राफेल लड़ाकू विमान, एक ए-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट विमान और 220 कर्मियों की एक टुकड़ी के साथ भारत आई है। भारत भी सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, एलसीए तेजस और जगुआर लड़ाकू विमानों, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के साथ भाग ले रहा है। हाल ही में वायु सेना के बेड़े में शामिल हुए एलसीएच प्रचंड के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में भाग लेने का यह पहला अवसर है।

भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट, हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (अवाक्स) और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम भी इस लड़ाकू अभ्यास का हिस्सा हैं। यह द्विपक्षीय अभ्यास का सातवां संस्करण है। पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारतीय वायु सेना के स्टेशनों में क्रमशः 2003, 2006 और 2014 में ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था। दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस में 2005, 2010 और 2019 में हुआ था। यह अभ्यास एयर डिफेंस और जमीनी हमले के अभियानों में फ्रांसीसी और भारतीय चालक दल के अंतर-स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

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