हरियाणा : कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ जांच शुरू
बिजली मंत्री रहने के दौरान मैन पावर एजेंसी ने की थी ईपीएफ में गड़बड़ी
हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ने सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को पत्र लिखकर मांगी रिपोर्ट
चंडीगढ़। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की विजिलेंस ने करीब डेढ़ दशक पुराने एक मामले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यह मामला तब का है जब कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला हरियाणा की हुड्डा सरकार में बिजली मंत्री थे।
गुरुवार को हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। यही वही केस बताया जा रहा है जिसे केस में राज्य सरकार खुद यह मान चुकी है कि सुरजेवाला का इसमें कोई रोल नहीं था।
आरोप है कि रणदीप सुरजेवाला के कार्यकाल में संधू मैनपावर सप्लाई एजेंसी ने भिवानी जिले में कर्मचारियों के ईपीएफ को लेकर घालमेल करने का काम किया। इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि हाई कोर्ट में खुद शिकायतकर्ता ही अपनी अपील वापस ले चुका है। मौजूदा सरकार भी हाई कोर्ट में यह कह चुकी है कि इस मामले में रणदीप सुरजेवाला की कोई भूमिका नहीं है।
जानकारी के मुताबिक 17 मई को इस केस की दोबारा जांच कराने के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की विजिलेंस विंग को जिम्मेदारी दी गई। इस मामले में आरोपित एजेंसी के खिलाफ 32 अन्य मामलों में ईपीएफ गड़बड़ी के केस चल रहे हैं। इस मामले में 4.5 लाख के कॉटेक्ट में 20 लाख रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में रणदीप सुरजेवाला, ईश्वर सिंह नैन व अन्य आरोपित हैं।
इस संबंध में किसान कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र सिंह भूरा ने कहा कि इस विजिलेंस जांच में पूर्व बिजली मंत्री की बजाय कांग्रेस के वर्तमान मीडिया प्रभारी के तौर पर रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल किए जाने से यह साफ नजर आ रहा है कि उन्हें सियासी कारणों के कारण इस मामले में जानबूझकर लपेटा जा रहा है।