कार्तिक पूर्णिमा : श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
गोरखपुर/महराजगंज, 08 नवम्बर । पापों से मुक्ति का गंगा स्नान पर्व कार्तिक पूर्णिमा पर गोरखपुर मंडल से होकर गुजरने वाली नदियों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगी। सर्वार्थ सिद्धि योग में अनेक पवित्र नदियों ही घाटों पर पहुंचे लोगों ने स्नान कर पूजा-पाठ किया। गरीब लोगों में दान दक्षिणा दिया और पुण्य अर्जित किया।
गोरखपुर से होकर गुजरने वाली राप्ती नदी के आलावा सरयू आदि नदियों के किनारे स्थित घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं का जुटान शुरु हो गया था। कुशीनगर की बड़ी गंडक, छोटी गंडक और महराजगंज के नारायणी नदियों के किनारे स्थित घाटों और धार्मिक स्थल पहुंचे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। महराजगंज में फरेंदा मार्ग पर त्रिमुहानी घाट, बैकुंठी घाट, घुघली बुजुर्ग, बालाक्षत्र घाट 21 श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
यह है मान्यता
पंडित अवधेश पांडेय ने बताया कि ऐसी लोक मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान करने से पाप कटते हैं। इसी दिन भगवान विष्णु क पहले अवतार मत्स्यावतार की भी मान्यता है। इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान सर्वार्थ सिद्धि योग देने वाला होता है। इस महीने में 20 दिन नदी अथवा सरोवर में स्नान करने की मान्यता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमा होती है। जब अधिमास या मलमास आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इसकेे कारण इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का अंत किया था। यह भी मान्यता है की इस तिथि में भगवान शिव का दर्शन करने से व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है।
सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी घाटों 21 भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। गोताखोर भी तैनात रहे। घाटों पर आपदा प्रबंधन को अलर्ट मोड पर रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा शिविर का इंतजाम किया था।
दो डूबे, एक को बचाया
पनियरा थाना क्षेत्र के भौराबारी घाट कार्तिक पूर्णिमा के स्नान कर रहे कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी कृष्णानंद पुत्र संदीप और निखिल स्नान करते वक्त गहरे पानी में चले गये और डूबने लगे। गोताखोरों की मदद से निखिल को बचा लिया गया, लेकिन कृष्णानंद की खोज अभी जारी है।