बिहार

ज्ञान कहीं भी मिल सकता है, लेकिन शिक्षा के लिए जरूरी हैं गुरु : प्रो. राकेश सिन्हा

बेगूसराय, 05 सितम्बर। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के बेगूसराय इकाई द्वारा आयोजित शिक्षक दिवस-सह-सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों शिक्षा का महत्व है।

राकेश सिन्हा ने कहा कि समाज एक फैक्ट्री है और शिक्षक उसके संचालक होते हैं। शिक्षक सभ्यता का निर्माता होता है, रुस की सदियों में बनी सभ्यता बुद्धिजीवियों और शिक्षकों की उपेक्षा के कारण दशकों में बिखर गई। भारत की ज्ञान परंपरा पर संकट सभ्यता के लिए संकट है। उन्होंने कहा कि गुरु बनने के लिए अपने आपको गुरुत्तर बनाना पड़ता है। ज्ञान कहीं भी मिल सकता है, लेकिन शिक्षा के लिए गुरु का होना बहुत जरूरी है, गुरु की जरूरत सिर्फ शिक्षा ही नहीं, आगे बढ़ने के हर कार्य में पड़ती है।

सिर्फ अपना काम करना समाज को छोड़ देना शिक्षक का धर्म नहीं है, शिक्षक को मजबूती के साथ समाज को शिकंजे में लेकर चाणक्य की तरह चलना होगा, चाणक्य बनना होगा। बिहार में शिक्षा की स्थिति बहुत दयनीय है, दयनीयता और हीनता का निर्ममता के साथ सामना करना होगा। आज बेगूसराय में एक लाख 13 हजार अंडर ग्रेजुएट विद्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए मात्र 70 स्थाई शिक्षक हैं, पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसा अनुपात नहीं है।

हमारे सोने और आंख बंद करने से अंधकार नहीं जाएगा, अंधकार को भगाने के लिए आंख की रोशनी को तीव्र करना पड़ेगा, बड़ी से बड़ी ताकत ज्ञान की परंपरा के आगे झुक जाती है। उन्होंने कहा भारत की परंपरा दुनिया के अन्य देशों से अलग है, यहां के लोगों में चरित्र, सरोकार और मानवता है। शिक्षक अपने आप को राजनीति से अलग करके रखें और भारत के बच्चों के नवनिर्माण में अपना सहयोग करें। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले एक शिक्षक थे, उसके बाद देश के उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति बने।

इस अवसर पर उन्होंने एनपीएस सहित शिक्षकों के तमाम गंभीर समस्याओं को सदन में उठाकर समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जिले के 34 सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षा कर्मी तथा बीपीएससी द्वारा चयनित होने वाले 11 प्रधानाध्यापकों के अलावे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक में उच्च अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।

संघ के जिलाध्यक्ष उमानंद चौधरी एवं सचिव रंजीत कुमार के संचालन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, जगदीश शर्मा, गंगोत्री सिंह एवं शालिग्राम सिंह के तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker