हिसार : छह घंटे चली वार्ता के बाद निकला खेेदड़ विवाद का हल, मांगे मानी
चेतावनी का असर नहीं हुआ तो किया रास्ता जाम, फिर बैकफुट पर आया प्रशासन
हत्या, हत्या प्रयास व अन्य धाराओं के केस वापिस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी
पकड़े लोगों के जमानत पर आने के बाद होगा धर्मपाल का अंतिम संस्कार
हिसार, 13 जुलाई । बरवाला क्षेत्र के गांव खेदड़ में उपजे तनाव का प्रशासन व वार्ता कमेटी के बीच मांगों पर हुई सहमति के बाद समाधान हो गया। बुधवार को लगभग छह घंटे चली छह दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में सहमति बनी जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। उपद्रव के दिन दिवंगत हुए ग्रामीण धर्मपाल का अंतिम संस्कार इस मामले में पकड़े गए लोगों की रिहाई के बाद गुरूवार को संभव है वहीं धर्मपाल के बेटे को नौकरी देने व परिजनों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहायता देने पर भी सहमति बनी है।
इससे पहले बुधवार सुबह 11 बजे हुई महापंचायत में प्रशासन को चेतावनी दी गई थी कि यदि चार बजे तक मांगे नहीं मानी गई को शव को सड़क पर लाकर वहीं पर धरना शुरू कर दिया जाएगा। तय अवधि तक दोनों पक्षों में बातचीत सिरे नहीं चढ़ी तो महापंचायत के फैसले के अनुसार महापंचायत में आए लोगों ने भूना रोड जाम कर दिया, जिससे प्रशासन पर और दबाब बढ़ा।
इसके साथ ही दोनों पक्षों में बातचीत भी जारी रही। लगभग अढ़ाई घंटे फिर चली बातचीत में दोनों पक्षों में सहमति बनी, जिसमें प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। बातचीत में प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने लगभग सभी मांगे मान ली लेकिन कुछ में कानूनी प्रक्रिया के कारण देरी हो सकती है।
धरना कमेटी के अनुसार बातचीत में मानी गई मांगों में तय हुआ है कि दिवंगत धर्मपाल के परिवार को उचित आर्थिक सहायता व उसके बेटे को सरकारी नौकरी देने, खेदड़ प्लाट से निकलने वाली राख पर 37 रुपये प्रति टन के हिसाब से गौशाला को देने, मशीनें गौशाला कमेटी की ही रहेगी, हत्या व हत्या प्रयास जैसे मामलों में पकड़े गए चारों युवाओं के केस वापिस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी लेकिन तब तक उनकी जमानत करवा दी जाएगी और उनके धरनास्थल पर पहुंचने के बाद ही धर्मपाल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
तब तक धर्मपाल का शव गौशाला में रखा जाएगा। यह भी तय हुआ कि खेदड़ प्लांट में झुलसने वालों को ढाई-ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे, खेदड़ प्लांट से खेदड़ गांव को बिजली व पानी देने पर सहमति बनी। इसके अलावा ग्रामीणों ने एक बात और रखी कि जिन 68 परिवारों की जमीन खेदड़ प्लांट बनाने में आई थी, उनको मुआवजा नहीं मिला है। इस पर प्रशासन ने कहा कि धर्मपाल के अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीण एक कमेटी बना लें, प्रशासन उस कमेटी की मुख्यमंत्री से मीटिंग तय करवा देगा क्योंकि यह मामला मुख्यमंत्री स्तर का है।
धरना कमेटी ने प्रशासन से कहा कि यदि कमेटी को लगेगा कि प्रशासन का रुख ठीक है और सब कुछ बातचीत के अनुसार ही हो रहा है तो धरना हटाया भी जा सकता है लेकिन यदि प्रशासन अपनी बातों से पलटा तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा और आंदोलन फिर तेज कर दिया जाएगा।
बातचीत में प्रशासन की तरफ से उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी, पुलिस अधीक्षक लोकेन्द्र सिंह, हिसार के एसडीएम अश्वीर नैन, नारनौंद के एसडीएम विकास यादव, उचाना के एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। ग्रामीणों की ओर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, शमशेर नंबरदार सहित वार्ता कमेटी के अन्य सदस्य मौजूद थे।