संरक्षित खेती में युवा बनाएं कैरियर, मिलेंगे स्वरोजगार के अवसर: डॉ. अजय सिंह
सोनीपत
महाराणा प्रताप बागवानी वि.वि. करनाल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र मुरथल में उच्च मूल्य व विदेशी सब्जियों की संरक्षित खेती विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का विधिवत समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से एमएचयू के क्षेत्रीय निदेशक व कुलसचिव डॉ. अजय सिंह ने प्रतिभागियों को सम्बोधित कर संरक्षित खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि युवा संरक्षित खेती को कैरियर के तौर पर अपना सकते है, इससे न केवल युवा प्रति एकड़ में खेती कर लाखों रुपए कमा सकते है साथ ही स्वरोजगार के अवसर भी सृजित कर सकता है। प्रतिभागी पोली हाउस लगाकर उसमें रंग बिरंगी शिमला मिर्च, खीरा, नर्सरी आदि लगाकर लाखों रुपए कमा सकता है। उन्होंने कहा कि संरक्षित खेती के बारे में बारीकी से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एमएचयू लगातार प्रशिक्षण आयोजित करता है, इन प्रशिक्षण शिविरों में एमएचयू के विशेषज्ञों सहित देश के विभिन्न बागवानी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाकर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिलवाता है। उनके मन के अंदर जो प्रश्न होते है, उनके बेहतर तरीके से उत्तर दिए जाते है। कुलसचिव डॉ. अजय सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में 20 विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया है। इनमें एमएचयू के साथ-साथ हिसार कृषि विभाग के विशेषज्ञ ओर बैंक अधिकारियों ने भाग लिया। शिविर में बताया कि प्रतिभागी प्रशिक्षण पाकर किस प्रकार बैंकों की योजनाओं का लाभ उठा सकते है, किस प्रकार लोन ले सकते है। प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण शिविर में सलाह संकाय डॉ. विजय अरोड़ा, डॉ. सुतेंद्र यादव, डॉ. एसके अरोड़ा, डॉ. परमिंद्र मलिक, डॉ. जेके नांदल, डॉ. हरजोत सिंह, डॉ. विकास कांबोज, डॉ. गौरव, डॉ. आरके गौतम, डॉ. उमा प्रजापति सहित अन्य ने विशेष तौर से शिरकत की।