भारतीय लोकतंत्र के अमूल्य प्रहरी हैं मीडियाकर्मी -डॉ. अनुज
नवादा, 16 नवम्बर। लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ कहे जाने वाले प्रेस की स्वतंत्रता, निष्पक्षता एवं उच्च नैतिक मानदंडों के प्रति समर्पित आग्रहों को प्रकट करने वाले पावन अवसर ”राष्ट्रीय प्रेस दिवस” पर नवादा के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान मॉडर्न इंगलिश स्कूल के प्रांगण में सेमिनार सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें प्रिंट वं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिष्ठित पत्रकारों एवं छायाकारों को अंगवस्त्र भेंट करके एवं गुलदस्ता प्रदान करके सम्मानित किया गया। सेमिनार में मीडिया के स्थापित माध्यमों के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न पक्षों के विषय पर तथ्यात्मक विवेचनाएँ की गई।
सेमिनार सह सम्मान समारोह का विधिवत शुभारंभ वरिष्ठ पत्रकार राष्ट्रीय सहारा के चीफ ब्यूरो डॉ साकेत बिहारी, सुधीर कुमार गुप्ता विशाल कुमार के साथ मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ अनुज कुमार के द्वारा माता सरस्वती को माल्यार्पण करके एवं मंगल दीप प्रज्वलित करके किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक डॉ. अनुज कुमार ने अपने संबोधन में राष्ट्र, समाज एवं लोकतंत्र के विकास में प्रेस एवं मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे मीडिया बंधु भारतीय लोकतंत्र के महान मूल्यों के सजग प्रहरी की भूमिका में प्रथम पंक्ति में खड़े हैं। प्रेस ने लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ सरकार एवं आम जनता के बीच विश्वसनीय संवाद-सेतु बनने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया है। समाज की विडंबनाओ एवं समस्याओं को उजागर करके उन्हें समाधान के मार्ग पर प्रशस्त करने का महत्वपूर्ण कार्य प्रेस के जागरूक मीडिया बंधुओं के द्वारा किया जाता है इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
सम्मान समारोह में सम्मिलित हुए पत्रकारों, छायाकारों एवं अन्य मीडियाकर्मियों ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए इसे एक सकारात्मक पहल बताया और कहा कि समाज के जागरूक एवं बुद्धिजीवी वर्ग के द्वारा जब मीडिया के कार्यों की सराहना ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा की जाती है तो हमारा मनोबल सौ गुना बढ़ जाता है। ऐसे सम्मान-समारोह हमारी राष्ट्रीय, सामाजिक, एवं लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों को अडिग साहस एवं निष्पक्षता से निभाने का नैतिक बल प्रदान करते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में मॉडर्न स्कूल के शिक्षकों एम. के. विजय, रवि रंजन, उमेश पांडेय, बिस्मिता साहू, सरस्वती कुमारी, सारिका कुमारी, अनिता मैम सहित अन्य सभी शिक्षकों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।