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गिरीश कर्नाड रचित ‘ययाति’ की यादगार प्रस्तुति

प्रयागराज, 17 नवम्बर । विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय “नाट्य महोत्सव“ की दूसरी संध्या यादगार हो गई। जब उत्तर मध्य क्षेत्र, सांस्कृतिक केन्द्र में हम थिएटर, भोपाल ने बालेंद्र सिंह के निर्देशन में गिरीश कर्नाड का नाटक “ययाति“ मंचित किया।

यह नाटक प्रेम, भय, क्रोध और पश्चाताप का एक सम्मिश्रण था, जिसकी कथा महाभारत काल के राजा ययाति के इर्द-गिर्द घूमती है। ययाति का विवाह दैत्य गुरु शुक्राचार्य की कन्या देवयानी से होता है। किंतु दैत्यों की राजकुमारी शर्मिष्ठा भी दासी के रूप में देवयानी के साथ जाती है और ययाति उसके मोह पाश में फँस जाता है। इसका परिणाम होता है शुक्राचार्य का शाप और ययाति का जर्जर वृद्ध हो जाना।

नाटक बड़े ही रोचक ढंग से संदेश दे गया कि पति-पत्नी को सदैव एक दूसरे के प्रति वफादार रहना चाहिए वरना परिणाम अत्यंत कष्टकार होता है। नाटक में भाग लेने वाले कलाकार रहे ज्योति सूर्यवंशी, आरती यादव, खुशबू चौबितकर, जूली प्रिया, योगेश तिवारी, आदित्य तिवारी, समृद्धि अंसारी, शालिनी मालवीय एवं मंच परे सोनू शाह, मुकेश पाचौड़ी, सह निर्देशन अशमी सिंह, संगीत मॉरिस लाजरस, प्रकाश कमल जैन आदि।

निर्देशक बालेंद्र सिंह प्रख्यात रंग निर्देशक हबीब तनवीर के शिष्य हैं और रंगमंच पर अनेक यादगार प्रस्तुतियां देने के साथ-साथ फिल्मों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। बालेंद्र ने अमिताभ बच्चन, इरफान खान और दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म पीकू में अपने अभिनय का परिचय दिया है। 18 नवम्बर को “प्रांगण“ पटना की प्रस्तुति अरुण सिन्हा लिखित “फूल नौटंकी विलास“ का मंचन अभय सिन्हा के निर्देशन में होगा।

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