दिल्ली

बवाना स्थित सनोथ झील का जीर्णोधार करवा रही है दिल्ली सरकार

नई दिल्ली, 08 सितंबर। केजरीवाल सरकार दिल्ली की झीलों को पुनर्जीवित कर उन्हें आकर्षक पर्यटन स्थलों में तब्दील करने के लिए तेजी से काम कर रही है। इस कड़ी में गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बवाना में बन रही सनोथ झील का दौरा किया। साथ ही परियोजना के तहत चल रहे विभिन्न कार्यों के प्रगति की समीक्षा की तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को झील के कायाकल्प को लेकर सुझाव दिए। इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली को झीलों के शहर में परिवर्तित करने के विजन को पूरे करने की दिशा में सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है।

इस क्रम में छह एकड़ में फैले सनोथ झील के जीर्णोधार व सौन्दर्यीकरण का काम किया जा रहा है। जहां सूखे हुए सनोथ झील को नया स्वरूप देकर दिल्ली सरकार इसे दिल्ली के सबसे सुंदर पिकनिक स्पॉट्स में परिवर्तित कर रही है और इस प्रोजेक्ट को पूरा होते ही, दिल्लीवासी अपने परिवारों के साथ यहां आकर इसकी सुंदरता का लुत्फ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में अपनी पहचान खो चुके दिल्ली के ऐसे 50 झीलों का जीर्णोद्धार करवा रही है, जिससे न केवल ग्राउंड-वाटर रिचार्ज होगा बल्कि पानी की कमी भी दूर होगी।

पर्यटकों के लिए नया टूरिस्ट स्पॉट बनेगी 6 एकड़ में फैली सनोथ झील

6 एकड़ में फैली सनोथ झील बवाना के सनोथ गांव में स्थित है। इस झील को दिल्ली सरकार आधुनिक तकनीकों के साथ पुनर्जीवित कर रही है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार सनोथ झील को पिकनिक स्पॉट के रूप में तब्दील करेगी।

घोघा ड्रेन में मौजूद एक एमएलडी के प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के रिसाइकल पानी का इस्तेमाल इस झील को जीवंत करने के लिए किया जाएगा। घोगा ड्रेन में प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है और बिना बिजली के गंदे पानी को साफ करता है। जल्द ही इस एसटीपी की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए विभाग को निर्देश दिए गए हैं, ताकि झील सालभर साफ पानी से भरी रहे।

झील बनने से भूजल को रिचार्ज करने में मिलेगी मदद

सिसोदिया ने कहा कि सनोथ झील को सुंदर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम विशेषज्ञों की मदद भी ले रहे हैं। झील को इस तरह से पुनर्विकसित किया जा रहा है कि लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने। इस झील में बच्चों के लिए खेल का मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं आम जनता के लिए होंगी। दिल्ली सरकार सनोथ झील के चारों ओर नीम, सेमल, चंपा, और बबूल जैसे कई तरह के पेड़ भी लगा रही है। झील बनने से न केवल भूजल को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र में एक ‘इकोसिस्टम’ का भी निर्माण होगा।

पक्षियों और जानवरों के रहने का ठिकाना बनेगी सनोथ झील

सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली ‘झीलों के शहर’ के तौर पर भी जानी जाएगी। इस सपने को साकार करने के लिए सरकार दिल्ली में सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रही है। बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जलाशयों को जीवित करना बेहद जरूरी है।

इसके लिए भी दिल्ली सरकार द्वारा काम किया जा हैं। सनोथ झील पिकनिक स्पॉट, दर्शनीय स्थल, खेलकूद के अलावा सुबह-शाम सैर और शारीरिक व्यायाम करने वाले लोगों के लिए भी एक बेहतर जगह होगी।

झील कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी। पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी। झील से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी। इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार, दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के सपने को साकार करने में जुटी है। इस परियोजना के तहत पहले चरण में सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को जीवंत किया जा रहा है।

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