अंतर्राष्ट्रीय

यूक्रेन संकट पर नई दिल्ली निष्क्रिय नहीं, दोनों पक्षों से हो रही है वार्ताः रुचिरा कंबोज

संयुक्त राष्ट्र, 02 दिसंबर। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत दोनों पक्षों से बात कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई दिल्ली इस युद्ध को लेकर ‘निष्क्रिय’ नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की दिसंबर महीने के लिए अध्यक्ष रुचिरा ने कहा कि भारत ने शांति का पक्ष लिया है और कूटनीति एवं संवाद के जरिये तनाव कम करने का समर्थन किया है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक-एक महीने के लिए क्रमवार मिलने वाली अध्यक्षता के तहत दिसंबर माह में इस पद की जिम्मेदारी भारत ने गुरुवार को संभाली। 15 सदस्यीय इस निकाय की अध्यक्षता करने के दौरान भारत आतंकवाद की रोकथाम और बहुपक्षीय सुधार को लेकर कई प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। भारत की इस अध्यक्षता के साथ ही उसकी सुरक्षा परिषद की दो साल की सदस्यता की अवधि भी समाप्त हो जाएगी, क्योंकि परिषद में अस्थायी सदस्यों का केवल दो साल का कार्यकाल होता है।

कंबोज ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में जोर देकर कहा कि भारत और रूस महत्वपूर्ण संबंधों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा- ‘भारत बहुत बड़ा देश है। वह अपने पैरों पर खड़ा है और उसे स्वयं पर गर्व है। जहां तक यूक्रेन संघर्ष का सवाल है, तो हम शुरू से ही अपने रुख को लेकर स्पष्ट हैं। हमने एक स्वर में शांति की बात की। हमने शांति का पक्ष लिया और समाधान के लिए कूटनीति और संवाद का समर्थन किया।’

रुचिरा कंबोज ने यह टिप्पणी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर की। लावरोव ने कहा था कि नाटो भारत को रूस विरोधी और चीन विरोधी गठबंधन में खींचना चाहता है। उन्होंने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं।’

कंबोज ने कहा-‘हम उन कुछ देशों में हैं जो दोनों पक्षों से बातचीत करने की हिम्मत रखते हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘ यह युद्ध का युग नहीं है’। इस टिप्पणी को वैश्विक मान्यता मिली है औरहाल में इंडोनेशिया के बाली में अंगीकार किए गए जी-20 घोषणापत्र में भी इसे जगह दी गई है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत को मानवीय स्थिति की जानकारी है और उसने चिकित्सा मदद की 12 खेप यूक्रेन भेजी है और वहां शिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए वित्तीय मदद की है। उन्होंने कहा- ‘साथ ही हमारे रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं। जहां तक अमेरिका से संबंधों का सवाल है तो वह वृहद रणनीतिक साझेदारी है जो पहले कभी इतनी करीबी और मजबूत नहीं थी जैसी आज है।’ सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर यूक्रेन संकट से निपटने में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-‘हम सभी पक्षों से संपर्क जारी रखेंगे।’

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