राष्ट्रीय

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण क्यूआरकोड का समय ही मान्य

-किसी अन्य माध्यम से यात्री चारधाम यात्रा का समय न लें

-हर रोज औसतन 50 हजार यात्री पहुंच रहे धाम

-घोड़े खच्चरों की मौत पर विभाग सचेत

देहरादून, 28 मई । पर्यटन विभाग चारधाम यात्रा में आए यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर एक विषय पर सख्ती से काम कर रहा है। विभाग की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि यात्रा सीजन छह माह का है। इसलिए वे घबराएं नहीं और वे विभाग के पोर्टल के अलावा अन्य माध्यम से धाम जाने का समय न लें। यात्री के क्यूआरकोड स्कैन से यात्रा करने की सही जानकारी यात्री और पुलिस दोनों को मिल सकती है। यात्रा का स्लाट 03 जून तक फुल है।

शनिवार को पर्यटन विभाग के कार्यालय में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने चारधाम यात्रा से जुड़े विषयों पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि लोगों को यात्रा को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। अभी यात्रा छह माह की है। यात्रा का अभी एक माह भी नहीं बीता है। पहले की अपेक्षा वर्तमान में चारधाम की सड़कें अच्छी हैं। मोसम की जानकारी हर दिन अपडेट है और इसकी जानकारी देश भर में यात्रियों की सुविधा के लिए दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि यात्रियों को पंजीकरण में फर्जी समय देने के मामले संज्ञान में आने पर पर्यटन विभाग सख्ती से काम कर रहा है। इसलिए यात्रियों से आग्रह है कि वे दर्शन को लेकर घबराए नहीं। पंजीकरण में मिले समय के अनुसार ही यात्रा करें। पंजीकरण क्यूआर कोड के स्कैन करेंगे तो उनके सही समय की यात्रा को लेकर जानकारी मिल जाएगी। वर्तमान में 22 लाख 50 हजार से अधिक क्यूआर कोड यात्रियों को मिला है। हर राेज औसतन 50 हजार यात्री धाम पहुंच रहे हैं।

सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए ऋषिकेश आईएसबीटी पर पंजीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण घर बैठे विभाग की साइट पर करने की सुविधा भी दी गई है। पंजीकरण के दौरान क्यूआरकोड उपलब्ध होता है, जिससे यात्रा सरल और आसान होगी।

पर्यटन सचिन ने यात्रियों को सलाह दी कि चारधाम यात्रा सीधे न करके रुक-रुक करें। वर्तमान में एक दिन में चारों धाम के लिए हेली सेवा से यात्रा करने वाले को ही चार स्लाट की सुविधा दी गई है। अधिकांश यात्री अपने वाहन से दूर के राज्यों से चलकर सीधे यात्रा धाम तक पहुंचते हैं। इससे उन्हें अधिक थकान हो जा रही है। प्राइवेट वाहनों से यात्रा का 09 दिन का रोस्टर होता है। फिलहाल जाम को ध्यान में रखते हुए अनावश्यक वाहन की पुलिस की ओर से चेकिंग नहीं की जा रही है।

पर्यटन सचिव ने बताया कि चारधाम यात्रा में महाराष्ट्र,गुजरात और राजस्थान के ज्यादा यात्री आ रहे हैं। इनकी सुविधा के मद्देनजर राज्यवार भाषा में रिलीज जारी समाचार माध्यमों से जारी की जा रही है ताकि यहां आने वाले यात्रियों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।

सचिव ने घोड़े खच्चरों की मौत पर कहा कि इस मामले पर मंत्री के निर्देश पर पर्यटन विभाग पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों से बातचीत की गई। उत्तरकाशी में 400 घोड़े हैं। घोड़े खच्चरों को चारा और भोजन के साथ उन्हें आराम मिले, इसके लिए स्थानीय प्रशासन काम कर रहा है।

दिलीप जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रियों की सुविधा की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। यहां से चारों धाम और पंजीकरण काउंटर की पल—पल की जानकारी मिलती है। किसी जगह पर भीड़ और यात्रा कैसी चल रही है, इसकी सूचना मिलती है। इसके साथ ही यात्रियों को पंजीकरण से लेकर हेली सेवा बुकिंग की जानकारी भी दी जा रही है। लगभग 400 से अधिक काल रोज आ आती हैं।

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