अंतर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान चुनाव आयोग का नोटिस: पीटीआई अध्यक्ष पद से भी इमरान को हटाने की तैयारी

इस्लामाबाद, 06 दिसंबर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का राजनीतिक करियर पूरी तरह खत्म करने में शहबाज शरीफ सरकार कोई कसर नहीं उठा रखना चाहती है। पाकिस्तानी चुनाव आयोग का भी सरकार को पूरा साथ मिल रहा है। अब इमरान खान को उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इस्लाम (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से भी हटाने की तैयारी की गयी है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इस मामले में नोटिस जारी किया है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की चुनावी राजनीति को अक्टूबर माह में तब जोरदार झटका लगा था, जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। दरअसल, पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के सांसदों ने चुनाव आयोग के समक्ष दायर याचिका में दावा किया था कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री के रूप में मिले उपहार बिना भुगतान अपने पास रख लिए। आरोप था कि इमरान ने उपहारों का खुलासा नहीं किया और अपने बयानों में जानकारी छुपाई। इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने इमरान खान को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश भी की थी।

इस कार्रवाई के बाद तय हो गया था कि इमरान खान चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। अब इन्हीं आरोपों के आधार पर इमरान खान को उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इस्लाम (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी भी हो गयी है। इस संबंध में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। इस नोटिस में इमरान खान पर लगे आरोपों के हवाले से कहा गया है कि जो व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो, वह देश के प्रमुख राजनीतिक दल का अध्यक्ष कैसे रह सकता है।

इमरान के खिलाफ यह कार्रवाई चुनाव आयोग से की गयी उस शिकायत के बाद शुरू हुई थी, जिसमें कहा गया था कि इमरान खान ने महंगे उपहारों को पहले स्टेट डिपॉजिटरी में जमा कराया, फिर उन्हें रियायती मूल्य पर खरीद कर भारी मुनाफे पर बेच दिया। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, विदेश से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी में रखा जाना चाहिए। यदि राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

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