सोनीपत, 10 सितंबर। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि क्षमा वाणी आत्म कल्याण का पर्व है और जिस तरह से हम अपने घर की सफाई रोजाना करते हैं उसी तरह हमें तन-मन की सफाई करके मन में क्षमा का भाव रखना चाहिए।
दिगंबर जैन मंदिर मिशन रोड में क्षमा वाणी पर्व धूमधाम से मनाया गया और छोटे-छोटे बच्चों ने इंद्र- इंद्राणी की वेशभूषा में जल यात्रा निकाली जो बैंड बाजों के साथ बाजारों से निकली। बड़ी संख्या में महिलाये भी जैन धर्म की जय-जय कार के नारे लगाते चल रही थी। इस अवसर पर गांव हुल्लाहेडी में जन्मे श्री 108 सन्मति भूषण जी की जयंती पर उनके त्याग, तप और तपस्या की चर्चा की गई।
पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि क्षमा केवल जैन धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों में सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि क्षमा वर्ष भर में एक बार नहीं बल्कि रोजाना मांग कर सोना चाहिए क्योंकि मानव गलतियों का पुतला होता है और रोजाना गलतियां करता है श्रीमती शांता जैन और एस.के जैन एडवोकेट ने विचार रखते हुए कहा कि क्रोध को कम करने से जीवन में शांति आ सकती है इसको कम करने का सरल उपाय क्षमा है। उल्लेखनीय है कि दस लक्षण धर्म में दस दिनों तक तपस्या के बाद निर्मल मन से एक दूसरे से क्षमा मांगी जाती है।
कार्यक्रम में संस्कार पाठशाला के बच्चों ने जैन धर्म की शिक्षाओं से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किए। जगदीश जैन ने गीत प्रस्तुत किया मंच संचालन मुकेश जैन ने किया। पार्षद अतुल जैन, जयकुमार जैन, जगदीश जैन बरतन वाले, शशि जैन, निशा जैन, सरिता जैन ने भी विचार व्यक्त किए।