राष्ट्रीय

दुर्गा पूजा को यूनेस्को टैग मिलने पर सियासत तेज, केन्द्र ने कहा सरकारी कोशिशों का नतीजा

नई दिल्ली, 22 सितंबर। दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किए जाने के बाद इस पर सियासत तेज हो गई है। इसका श्रेय जहां पश्चिम बंगाल की सरकार ले रही है वहीं, केंद्र सरकार ने इसका श्रेय़ संस्कृति मंत्रालय की कोशिशों को दिया है।

इस मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सक्रिय होने के बाद शुक्रवार को संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उन पर निशाना साधा है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सिर्फ दुर्गा पूजा को लेकर किए गए इंतजाम और रैलियों से ही उसे विश्व धरोहर का दर्जा नहीं मिला है। इसके पीछे केन्द्र सरकार की कोशिशें हैं। अगर सिर्फ इंतजाम को लेकर ही विश्व धरोहर का टैग मिलता तो कोलकाता से बेहतर इंतजाम तो दिल्ली के सीआर पार्क और पहाड़गंज में होने वाली दुर्गा पूजा में होता है।

संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि दुर्गा पूजा को यूनेस्को का टैग दिलवाने में उन तमाम का योगदान है जिन्होंने इसके लिए लगातार काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनेस्को का दर्जा केंद्र सरकार द्वारा की कई कोशिशों की वजह से मिला है।

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बीते तीन-चार सालों से संस्कृति मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार जो प्रयास किए गए उसकी वजह से ही दुर्गा पूजा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जा सका है। मीनाक्षी लेखी ने बताया कि इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से यूनेस्को की सूची में शामिल करने के लिए योग, कुंभ का नाम भेजा गया था, इस साल इस सूची में शामिल करने के लिए गरबा को भेजा है।

कोलकाता में संस्कृति मंत्रालय करेगा दुर्गा पूजा के आयोजन करने वाले कारीगरों को सम्मानित

मीनाक्षी लेखी ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय कोलकाता में 24 सितंबर को एक आयोजन करने जा रहा है जिसमें दुर्गा पूजा आयोजन से संबंधित 30 कारीगरों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें दुर्गा पूजा पंडाल, ढाकी कलाकार, मूर्तिकार शामिल हैं।

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