बिहार

टीबी बीमारी से मुक्ति के लिए जनप्रतिनिधि भी करेंगे जागरूक

बेतिया, 22 अगस्त। पश्चिमी चंपारण जिले में समुदाय से टीबी बीमारी को पूरी तरह मुक्त करने के लिए अब जनप्रतिनिधियों द्वारा भी समुदाय को जागरूक किया जाएगा।इसके लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी के द्वारा पँचायत के जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।इसी के तहत केएचपीटी के द्वारा सोमवार को प्रखंड के जौकटिया पँचायत भवन में जनप्रतिनिधियों का टीबी पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

केएचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने बताया कि लगातार दो हफ़्तों से ज्यादा बलगम वाली खांसी,बुखार,भूख में कमी तथा वजन का कम होना टीबी बीमारी के लक्षण है।अगर समुदाय में किसी भी व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो उन्हें नजदीक के सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराने की सलाह दें।मेनका ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी को जाँच और ईलाज पूरी तरह फ्री है।वही केएचपीटी के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुमित कुमार ने कहा कि टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को पौष्टिक भोजन के लिए सरकार के द्वारा प्रत्येक माह पाँच सौ रुपये की राशि दी जाती है।

कार्यक्रम में एसटीएस रंजन कुमार वर्मा ने कहा कि टीबी मरीज को लगातार छह माह तक दवा का सेवन करना चाहिए बीच मे एक दिन भी दवा छोड़ना खतरनाक हो सकता है।कार्यक्रम के दौरान मुखिया पुत्र विपिन साह के नेतृत्व में सभी जनप्रतिनिधियों ने टीबी उन्मूलन के लिए शपथ भी लिया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम,अनिल कुमार,मनरेगा पीआरएस संदीप कुमार सिंह,ग्रामीण आवास सहायक आनंद कुमार,वार्ड सदस्य इस्लाम मियां, विजय शर्मा,रामचंद्र राम,वार्ड प्रतिनिधि विनय यादव सहित दर्जनों पीआरआई सदस्य उपस्थित रहे।

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