हिसार: सही पोश्चर से शरीर को लंबे वक्त तक स्वस्थ रखना संभव: शालू रानी
दंत चिकित्सा विभाग के लिए फिजियोथेरेपी कार्यशाला आयोजित
हिसार, 06 सितम्बर। कार्यस्थल पर सही पोश्चर और शारीरिक विधियों द्वारा मांसपेशियों को तनाव मुक्त कर अपने आपको स्वस्थ रखा जा सकता है। दंत चिकित्सकों को गर्दन और कलाई पर ध्यान देने की आवश्यकता ज्यादा रहती है क्योंकि उन्हें कलाई के बार-बार मोड़ कर और एक जैसे पोश्चर में अधिक काम करना पड़ता है। यह कहना है जिले के अग्रोहा मेडिकल कॉलेज फिजियोथैरेपी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर शालू रानी का।
महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में दंत चिकित्सा विभाग के डॉक्टर्स के लिए फिजियोथेरेपी विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें उन्हें सही शारीरिक मुद्राओं और आसन के जरिए खुद को स्वस्थ रखने के प्रयोग बताए गए। कार्यशाला की शुरुआत में इंटर्न नविता ने बताया कि कार्यस्थल पर यदि तनावपूर्ण माहौल हो और गलत पोश्चर में बैठकर कार्य किया जाए तो मस्कुलर स्ट्रेन और शरीर से जुड़ी अन्य कई दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है। दंत चिकित्सकों को एक जैसे पोश्चर में रहकर लंबे वक्त तक इलाज करते हुए सीटिंग देनी पड़ती है। इस वजह से उन्हें सर्वाइकल या जोड़ों के दर्द की समस्या परेशान होना काफी आम हो चला है। ऐसे में फिजियोथैरेपिस्ट की मदद से और सही आसन के जरिए इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। दंत चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप ग्रोवर ने कार्यशाला की सराहना की। उन्होंने इंटर्न नविता और डॉक्टर शालू रानी का आभार व्यक्त किया।
फिजियोथैरेपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि आज के वक्त में फिजियोथैरेपी की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में वे छात्र जो चिकित्सा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए यह एक बेहतर विकल्प है। बैचलर आफ फिजियोथैरेपी के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया जिसके बाद अब छात्रों को कॉलेज आवंटित किए जाएंगे। डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि फिजियोथैरेपी में कैरियर तलाशने वाले विद्यार्थियों के लिए महाराजा अग्रसेन कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी एक बेहतरीन विकल्प है जहां उनके सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उन्हें बेहतर माहौल में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित मार्गदर्शन दिया जाता है। इस दौरान दंत चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप ग्रोवर, डॉ. सोनिया शर्मा, डॉ. अभिषेक जैन, डॉ. गजल मेहता विशेष रूप से उपस्थित रहे।