दिल्ली

देशभक्ति पाठ्यक्रम से बच्चों के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हुआ: सिसोदिया

नई दिल्ली, 14 सितंबर। दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों में बच्चों को कट्टर देशभक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए देशभक्ति पाठ्यक्रम के एक साल पूरे होने जा रहे है। पिछले एक साल में इस पाठ्यक्रम की मदद से बच्चों के व्यवहार में बदलाव आना शुरू हो गया है। इन बदलावों को देखने और देशभक्ति पाठ्यक्रम के अंतर्गत चल रही विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए बुधवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने जानकी देवी सर्वोदय कन्या विद्यालय, मयूर विहार फेज-1 का दौरा किया।

इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि, “यह बहुत खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में हमने जिस परिकल्पना के साथ देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी, वो इन क्लासों में पूरा होना शुरू हो गया है।

बच्चे ये समझ रहे है कि देश के लिए बलिदान देना, देश के प्रतीकों का सम्मान करना तो देशभक्ति है लेकिन अपने स्कूल-क्लास को साफ रखना, अपने बगल में बैठे बच्चों में भी देश देखना देशभक्ति है, हर सोच में,अपने टीचर्स मे,हमारे आस-पास के वातावरण में देश बसता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में यह सोच विकसित होना और अपने घर में, पड़ोसियों में, हर संसाधन में, अपने हर व्यवहार में देश को देखना यह प्रदर्शित करता है कि यह पाठ्यक्रम सफल रहा है।

क्या है दिल्ली सरकार का देशभक्ति पाठ्यक्रम

देशभक्ति पाठ्यक्रम की दिल्ली सरकार के स्कूलों में नर्सरी से 12वीं के लिए शुरू किया गया है। यह खुद में अनोखा पाठ्यक्रम है जो किताबों और परीक्षाओं की सीमा से बाहर है। यह पूरा पाठ्यक्रम विद्यार्थी की सोच समझ और मानसिकता के आधार पर डिजाइन किया गया है। जहां वे लोगों से बात करके, अपने दोस्तों से बात करके, स्वयं के अंदर झांककर इस सवाल का जबाव तलाशते है कि देशभक्ति क्या है? देश उनके जीवन में क्या मायने रखता है? ये पाठ्यक्रम देशभक्ति को चुनिंदा परिभाषाओं तक सीमित नहीं रखता है इसलिए इस पाठ्यक्रम को सीखने के लिए कोई निश्चित सामग्री या नियम नहीं है बल्कि इसमें बच्चें अपने घर,स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकल, अपने अनुभवों, वास्तविक जीवन की घटनाओं के आधार पर खुद के लिए देशभक्ति का अर्थ जानने का प्रयास करते है।

पाठ्यक्रम की खास बात ये है कि ये बच्चों की देशभक्ति की समझ को सही या गलत में नहीं बांटता है बल्कि उन्हें ऐसा वातावरण प्रदान करता है जिसमें बच्चें खुद की समझ के आधार पर ही सही और गलत में अंतर जान सके।

इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य है कि हर बच्चा अपने देश के मान सम्मान को लेकर आत्मविश्वास में जिए और एक कट्टर देशभक्त नागरिक बने। वह देश की समस्याओं को हल करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार रहे और समस्याओं से भागे ना बल्कि समस्याओं का सामना करें और उनका समाधान ढूंढे।

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