दोहरे हत्याकांड के सजायाफ्ता पुलिसकर्मी को पिता की तेरहवीं में शामिल होने की मिली अनुमति
हाई कोर्ट का निर्देश- पुलिस हिरासत में मुजफ्फरनगर स्थित उसके घर ले जाया जाए
नई दिल्ली, 13 सितंबर। दिल्ली हाई कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड के सजायाफ्ता पुलिसकर्मी को पिता की तेरहवीं में शामिल होने की सशर्त अनुमति दी है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि पुलिसकर्मी को 15 सितंबर को मुजफ्फरनगर स्थित उसके घर पर पुलिस हिरासत में ले जाया जाए।
दोषी पुलिसकर्मी ने अपनी सजा को अंतरिम रूप से निलंबित करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात पुलिसकर्मी ने चोरी और हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया और पीछा करने वाले लोगों को गैर लाइसेंसी पिस्तौल से धमकाया। ऐसे दोषी की सजा को निलंबित करना कोर्ट सही नहीं मानता है।
याचिकाकर्ता पुलिसकर्मी के पिता की मौत 6 सितंबर को हो गई थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि वो अपने पिता का एकलौता बेटा है। उसकी उपस्थिति तेरहवीं के दिन जरूरी है। इस पर विचार करते हुए कोर्ट ने दोषी पुलिसकर्मी को उसके पिता की तेरहवीं पर 15 सितंबर को हिरासत में घर जाने की अनुमति दे दी। साथ ही जेल प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि दोषी पुलिसकर्मी को उसके मुजफ्फरनगर स्थित घर पर पुलिस हिरासत में ले जाया जाए।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें कहा गया कि उसने 24 सितंबर, 2011 को एक व्यापारी अमरजीत सिंह की हत्या की थी। पुलिसकर्मी व्यापारी की कार में घुस गया और गैर लाइसेंसी बंदूक से तीन गोलियां दागी और व्यापारी के पास से सोने की तीन चेन और लॉकेट लूट लिये। गोलियों की आवाज सुनने के बाद पास में पेट्रोलिंग पुलिस टीम पहुंची। जब एक मोटरसाइकिल चालक की मदद से दोषी पुलिसकर्मी को पकड़ने का प्रयास किया गया तो उसने दोबारा फायरिंग की। इस फायरिंग से मोटरसाइकिल चालक की मौत हो गई।