राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री ने लांच की 5जी सेवा, कहा- आज देश ‘डिजिटल फॉर आल’ की मुहिम पर काम कर रहा

नई दिल्ली, 01 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 5जी सेवाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि आज देश ‘डिजिटल फॉर आल’ की मुहिम पर काम कर रहा है। सरकार के प्रयासों से अब यह क्षेत्र भी लोकतांत्रिक हो गया और देश का गरीब सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुविधा सुलभ होने पर सोच सशक्त होती है और अब दुनिया मान रही है कि आने वाला दशक ही नहीं बल्कि अगली शताब्दी भी भारत की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया। साथ ही 1 से 4 अक्टूबर, 2022 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित छठी इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 (आईएमसी-2022) का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चुनिंदा शहरों में लॉन्च किये जाने के साथ ही 5जी अगले कुछ वर्षों में उत्तरोत्तर पूरे देश को कवर करेगा।

बिना हल्ला मचाए देश में डिजिटल सहूलियतें बढ़ीं

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई हो हल्ला मचाए बिना भारत सरकार देश में डिजिटल सहूलियतों को बढ़ा रही है। 5जी सेवाओं के लांच का लाभ देश के युवा वर्ग को सबसे अधिक होने वाला है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के प्रयासों से भारत में डेटा की कीमत बहुत कम बनी हुई है। ये बात अलग है कि हमने इसका हल्ला नहीं मचाया, बड़े-बड़े विज्ञापन नहीं दिए। हमने फोकस किया कि कैसे देश के लोगों की सहूलियत बढ़े, जीवन जीना आसान बने।”

देश की सामान्य मानवी की डिजिटल समझ पर हमेशा किया भरोसा

मोदी ने पूर्व में देशवासियों की डिजिटल अपनाने की क्षमता पर प्रश्न उठाने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक वक्त था जब इलीट क्लास के कुछ मुट्ठी भर लोग गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे। उन्हें शक था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे, लेकिन हमें देश के सामान्य मानवी की समझ, विवेक और जिज्ञासु मन पर हमेशा भरोसा रहा है। हमने देखा है कि देश के गरीब भी हमेशा नई तकनीकों को अपनाने के लिए आगे आते हैं। हमारे देश की जो ताकत है, इस ताकत को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।

इंटरनेट फॉर आल के लक्ष्य पर काम कर रही सरकार

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम शुरू की। जैसे हर घर जल अभियान के जरिए हर किसी तक साफ पानी पहुंचाने के मिशन पर काम किया। जैसे उज्जवला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया। वैसे ही हमारी सरकार इंटरनेट फॉर आल के लक्ष्य पर काम कर रही है।

देश में डिजिटल वातावरण विकसित करने के लिए एक समग्र प्रयास के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 4 स्तंभों पर, चार दिशाओं में एक साथ फोकस किया। पहला डिवाइस की कीमत, दूसरा, डिजिटल कनेक्टिविटी, तीसरा, डेटा की कीमत, चौथा और सबसे जरूरी, ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच।

आज हजारों मोबाइल निर्यात कर रहा भारत

उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों से 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। इन सारे प्रयासों का प्रभाव डिवाइस की कीमत पर पड़ा है। अब कम कीमत पर हमें ज्यादा फीचर्स भी मिलने लगे हैं। ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी वाली केवल 100 ग्राम पंचायतों से, भारत में अब ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ी 170,000 से अधिक पंचायतें हैं। 2014 में 6 करोड़ डिजिटल उपयोगकर्ताओं से आज हमारे पास देश में 80 करोड़ डिजिटल उपयोगकर्ता हैं, जिनके पास 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट कनेक्शन हैं।

सरकार ने आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता बनाया आसान

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता आसान बनाया है। सरकार ने खुद ऐप के जरिए नागरिक केन्द्रित वितरण सेवा को बढ़ावा दिया। किसान हो या छोटे दुकानदार सबको हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया। छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, लोकल कलाकार और कारीगर सबको डिजिटल इंडिया ने मंच और बाजार दिया है। उन्होंने कहा, “आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा, कैश नहीं ‘यूपीआई’ कर दीजिए।”

प्रधानमंत्री ने 5जी को अनंत अवसरों का आकाश बताया और देशवासियों को इसकी शुरुआत की शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि आज देश की ओर से, देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से, 130 करोड़ भारतवासियों को 5जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। 5जी देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है।

उन्होंने कहा कि नया भारत, टेक्नोलॉजी का सिर्फ़ उपभोक्ता बनकर नहीं रहेगा बल्कि भारत उस टेक्नोलॉजी के विकास में, उसको जमीन पर उतारने में एक्टिव भूमिका निभाएगा। भविष्य की वायरलेस टेक्नॉलजी को डिजाइन करने में, उससे जुड़े उत्पादन में भारत की बड़ी भूमिका होगी।

डिजिटल माध्यम से प्रधानमंत्री ने किया संवाद

देश में 5जी सेवाओं की शुरूआत के बाद लेखक अमीश त्रिपाठी ने मुंबई डिजिटल से जुड़ी प्रस्तुति दी। उनके संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने डिजिटल मामले से शिक्षा पा रहे छात्रों से संवाद किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो की द्वारका से जुड़ी एक अंडरग्राउंड टनल में 5जी डिजिटिल तकनीक से मजदूरों को दी जा रही सुरक्षा का मुआयना किया। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और वहां कार्यरत एक मजदूर से बातचीत की। मेटावर्स में वर्चुअल रियलिटी के अनुभव से जुड़ी प्रस्तुति देखी। प्रधानमंत्री ने होलोग्राम से जरिये वहां उपस्थित हुई वाराणसी की छात्रा खुशी से संवाद किया, जिसने सोलर सिस्टम को वीआर के माध्यम से देखने का अनुभव साझा किया। वाराणसी से कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जुड़े थे।

इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगाः अश्वनी वैष्णव

केन्द्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत में 5जी सेवाएं लॉन्च कर रहे हैं। दूरसंचार के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा। टेलीकॉम गेटवे है, डिजिटल इंडिया की नींव है। यह हर व्यक्ति के लिए डिजिटल सेवाओं को लाने का माध्यम है।

5जी सेवाएं डिजिटल क्षेत्र में कामधेनु की भूमिका निभाएंगीः मुकेश अंबानी

रिलायंस जियो के मुकेश अंबानी ने कहा कि 5जी सेवाएं डिजिटल क्षेत्र में कामधेनु की भूमिका निभाएंगी। इससे कई नए आयाम खुलेंगे। इसमें कनेक्टिविटी तकनीक की अगली पीढ़ी की तुलना में बहुत अधिक है। उनके विचार से यह मूलभूत तकनीक है, जो 21वीं सदी की अन्य तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचैन और मेटावर्स की पूरी क्षमता को अनलॉक करती है। उन्होंने कहा कि हमने 5जी सेवाओं को शुरू करने में भले ही देरी की लेकिन हम पूरे देश में इसे लांच करने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने हर तालुका और तहसील तक दिसंबर 2023 तक 5जी सेवाएं पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश डिजिटल सेवाओं में आगे बढ़ रहाः सुनील मित्तल

भारती एयरटेल के सुनील मित्तल ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि वे तकनीक के महत्व को समझते हैं। गुजरात में रहते हुए उनके कार्यकाल में बहुत डिजिटल पहल शुरू की। उनके विजन से ही हम 4जी तकनीक क्षेत्र में आगे रहे। इससे कोरोना काल में भी देश की डिजिटल धड़कन नहीं रुकी। साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश उत्पादन कर रहा है और लगातार कई यूनीकोर्न तैयार हो रहे हैं। आज प्रधानमंत्री द्वारा 5जी सेवाओं की शुरुआत करने से देश के आठ शहरों में एक साथ 5जी सेवाएं शुरू हो जायेंगी।

5 जी सेवा

वर्षों की गहन तैयारी के बाद 5जी सेवाओं की शुरुआत हो रही है। हाल ही में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न की गई थी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 1,50,173 करोड़ रुपये के सकल राजस्व के साथ 51,236 मेगाहर्ट्ज आवंटित किया गया था। नीलामी ने एक मजबूत 5जी इको-सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि आईओटी, एम2एम, एआई, एज कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स आदि से जुड़े इसके इस्तेमाल से संबंधित जरूरतों को पूरा कर सकें।

5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है। यह देश को विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

दूरसंचार विभाग ने अगस्त 2022 में राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम 2016 में संशोधन किया है, जिसमें आरओडब्ल्यू की स्वीकृतियों के लिए शुल्क को उचित बनाया गया है और स्ट्रीट फर्नीचर पर 5जी छोटे सेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल की स्थापना के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क की एक सीमा तय की गई है।

दूरसंचार विभाग ने 2018 में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और समीर (एसएएमईईआर) की मदद से 5जी टेस्टेड की स्थापना की है। स्टार्टअप उद्योगों द्वारा इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए 2020 में एक 5जी हैकथॉन शुरू किया गया था और इससे नवीन उत्पादों को बढ़ावा मिला है। 5जी के इस्तेमाल के मामलों पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति 2021 से 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय से कार्य कर रही है, जिससे 5जी यूज-केस प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा सके। 5जी हैंडसेट उपलब्ध कराने के लिए 5जी इको-सिस्टम को सक्षम करने के लिए उद्योग के साथ परामर्श आयोजित किया गया है। मुंबई में निवेशकों, बैंकरों और उद्योग के साथ 5जी व्यापार के अवसरों पर और सरकार द्वारा प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।

सी-डॉट ने एक स्वदेशी 5जी नॉन-स्टैंड अलोन (एनएसए) कोर विकसित किया है। सी-डॉट स्थानीय उद्योग और स्टार्ट-अप के सहयोग से 5जी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) भी विकसित कर रहा है। सी-डॉट ने टीसीएस और तेजस नेटवर्क के सहयोग से अपने 4जी कोर का पहले ही सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है।

ये सभी प्रधानमंत्री के “जय अनुसंधान” के आह्वान को पूरा करने में मदद करेंगे। ये सभी प्रयास भारत के विनिर्माण और दूरसंचार इको-सिस्टम के लिए गेम-चेंजर हैं, जो घरेलू 5जी एंटरप्राइज कैरियर ग्रेड स्टैक के साथ-साथ अभिनव प्रभावशाली 5जी यूज-केस के लिए अग्रणी हैं।

आईएमसी -2022

आईएमसी-2022 का विषय, एशिया में अग्रणी डिजिटल इवेंट ‘एनकैप्सुलेट, एंगेज एंड एक्सपीरियंस ए न्यू डिजिटल यूनिवर्स’ है और इसका मुख्य उद्देश्य नई तकनीकों, विशेष रूप से स्वदेशी लोगों को बढ़ावा देना और नागरिकों को 5जी के उपयोग और अनुप्रयोगों का अनुभव देना है। अन्य उद्देश्यों में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, समावेशी और सतत विकास को प्रेरित करना, उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देना, विदेशी और स्थानीय निवेश को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें 5,000 से अधिक सीएक्सओ और प्रतिनिधियों, 250 से अधिक प्रदर्शकों, 100 से अधिक स्टार्ट-अप, 300 से अधिक वक्ताओं, 70,000 से अधिक प्रतिभागियों और आगंतुकों की अपेक्षित संख्या के बल पर आकर्षक साबित होने की उम्मीद है।

राज्य के आईटी सचिवों को भी आईएमसी-2022 में आमंत्रित किया गया है और आईएमसी-2022 के दौरान राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन की भी योजना है, जिसमें 5जी के रोलआउट में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की भूमिका, व्यापार के अवसरों की आवश्यकता, कौशल विकास और संभावित स्टार्ट-अप और निवेशकों के साथ बातचीत के बारे में चर्चा की जाएगी।

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