राष्ट्रीय

समस्याओं के स्थाई समाधान में जुटी है सरकार : प्रधानमंत्री

– काला जादू में विश्वास रखने वाले अब कभी नहीं कमा पाएंगे लोगों का विश्वास

– पानीपत में दूसरी पीढ़ी का इथेनॉल संयंत्र हरियाणा, दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में करेगा मदद

– किसानों के लिए आय का जरिया बनेगी पराली

नई दिल्ली, 10 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को शॉर्ट-कट और मुफ्त की रेबड़ियां बांटने की राजनीति करने वालों को देश के विकास के लिए घातक बताते हुए आड़े हाथों लिया। उन्होंने देशवासियों से इस प्रवृति पर अंकुश लगाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने 5 अगस्त को काले कपड़े पहनकर कांग्रेस के विरोध की ओर इशारा करते हुए कहा कि काला जादू में विश्वास रखने वाले कभी भी आम जनता का विश्वास अर्जित नहीं कर पाएंगे। उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि अगर राजनीति में ही स्वार्थ होगा तो कोई भी आकर पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त देने की घोषणा कर सकता है। ऐसे कदम हमारे बच्चों से उनका हक छीनेंगे, देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेंगे। ऐसी स्वार्थ भरी नीतियों से देश के ईमानदार टैक्स पेयर का बोझ भी बढ़ता ही जाएगा।

विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के पानीपत में 900 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) का दूसरी पीढ़ी (2जी) इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा और हरियाणा, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन लोगों में राजनीतिक स्वार्थ के लिए शॉर्ट-कट अपनाकर, समस्याओं को टाल देने की प्रवृत्ति होती है, वो कभी समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं कर सकते। शॉर्ट-कट अपनाने वालों को कुछ समय के लिए वाहवाही भले मिल जाए, राजनीतिक फायदा भले हो जाए, लेकिन समस्या कम नहीं होती। शॉर्ट-कट अपनाने से शॉर्ट-सर्किट अवश्य होता है।” उऩ्होंने आगे कहा, “शॉर्ट-कट पर चलने के बजाय हमारी सरकार समस्याओं के स्थाई समाधान में जुटी है। पराली की दिक्कतों के बारे में भी बरसों से कितना कुछ कहा गया। लेकिन शॉर्ट-कट वाले इसका समाधान नहीं दे पाए।”

उन्होंने कहा कि प्रकृति की पूजा करने वाले हमारे देश में बायोफ्यूल या जैविक ईंधन, प्रकृति की रक्षा का ही एक पर्याय है। हमारे किसान भाई-बहन तो इसे और अच्छी तरह समझते हैं। हमारे लिए जैव ईंधन यानि हरियाली लाने वाला ईंधन, पर्यावरण बचाने वाला ईंधन।

पराली की समस्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पानीपत के जैविक ईंधन प्लांट से पराली का बिना जलाए भी निपटारा हो पाएगा। उन्होंने इसके पांच फायदे गिनाते हुए कहा कि पराली जलाने से धरती मां को जो पीड़ा होती थी, उस पीड़ा से धरती मां को मुक्ति मिलेगी। पराली काटने से लेकर उसके निस्तारण के लिए जो नई व्यवस्था बन रही है, नई मशीनें आ रही हैं, ट्रांसपोर्टेशन के लिए नई सुविधा बन रही है, जो ये नए जैविक ईंधन प्लांट लग रहे हैं, इन सबसे गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा पराली किसानों के लिए बोझ थी, परेशानी का कारण थी, वही उनके लिए, अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम होगा, पर्यावरण की रक्षा में किसानों का योगदान और बढ़ेगा। और पांचवा लाभ ये होगा कि देश को एक वैकल्पिक ईंधन भी मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से बीते 7-8 साल में देश के करीब 50 हजार करोड़ रुपये विदेश जाने से बचे हैं। और करीब-करीब इतने ही हजार करोड़ रुपये इथेनॉल ब्लेडिंग की वजह से हमारे देश के किसानों के पास गए हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में भी कुछ लोग हैं जो नकारात्मकता के भंवर में फंसे हुए हैं, निराशा में डूबे हुए हैं। सरकार के खिलाफ झूठ पर झूठ बोलने के बाद भी जनता जनार्दन ऐसे लोगों पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं। ऐसी हताशा में ये लोग भी अब काले जादू की तरफ मुड़ते नजर आ रहे हैं। अभी हमने 5 अगस्त को देखा है कि कैसे काले जादू को फैलाने का प्रयास किया गया। ये लोग सोचते हैं कि काले कपड़े पहनकर, उनकी निराशा-हताशा का काल समाप्त हो जाएगा। लेकिन उन्हें पता नहीं है कि वो कितनी ही झाड़-फूंक कर लें, कितना ही काला जादू कर लें, अंधविश्वास कर लें, जनता का विश्वास अब उन पर दोबारा कभी नहीं बन पाएगा।

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